ओमिक्रोन वैरिएंट के बारे में यह नई बात आ रही है सामने, कैसे दे रहा प्रतिरोधक क्षमता को चकमा, आप भी पढ़ें
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें लगातार काम कर रही हैं। दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रोन के मामले सामने आने के बाद ही केंद्र सरकार द्वारा एयरपोर्ट पर आने वाले सभी यात्रियों की आरटीपीसीआर जांच अनिवार्य कर दी गई।
नई दिल्ली, [राहुल चौहान]। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें लगातार काम कर रही हैं। दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रोन के मामले सामने आने के बाद ही केंद्र सरकार द्वारा एयरपोर्ट पर आने वाले सभी यात्रियों की आरटीपीसीआर जांच अनिवार्य कर दी गई। वहीं, सभी राज्य सरकारों ने इसका सख्ती से पालन करना भी शुरू कर दिया। इसी तरह दिल्ली सरकार भी इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर खतरे वाले देशों से आने वाले यात्रियों की पूरी सख्ती से कोरोना की आरटीपीसीआर जांच करा रही है।
एयरपोर्ट पर रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही विदेशी यात्रियों को घर भेजा जा रहा है। वहीं, उनसे घर में भी कम से कम सात दिन तक आइसोलेट रहने के लिए कहा जा रहा है। उनकी ट्रेसिंग की जा रही है। जिन यात्रियों की रिपोर्ट पाजिटिव आ रही है, उन्हें लोकनायक अस्पताल में बनाए गए स्पेशल वार्ड में भर्ती किया जा रहा है। जहां, जीनोम सीक्वेंसिंग भी की जा रही है। कई अस्पतालों की ओपीडी में दिखाने से पहले कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट का जो नियम था, वह अब भी चल रहा है। तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए भी केंद्र और राज्य सरकारें पहले से ही लगातार काम कर रही हैं।
चाहे वह दिल्ली सरकार के अस्पताल हों या फिर केंद्र के अस्पताल या निगम के अस्पताल। सभी अस्पतालों में आक्सीजन बेड, आइसीयू बेड बढ़ाए गए हैं। इसके साथ ही आक्सीजन प्लांट भी लगाए गए हैं। जिससे अस्पतालों में आक्सीजन भंडारण और उत्पादन क्षमता भी बढ़ी है। इसके साथ ही दिल्ली सरकार अस्थायी अस्पतालों का भी निर्माण कर रही है। आक्सीजन सिलेंडरों की भी संख्या बढ़ाई गई है। इसके अतिरिक्त दिल्ली सरकार ने आक्सीजन वितरण के लिए टैंकरों की भी संख्या बढ़ाई है। इन तैयारियों को लेकर यह कह सकते हैं कि दूसरी लहर का सामना करने के बाद सरकार ने काफी तैयारियां की हैं और अभी चल भी रही हैं।
ओमिक्रोन वैरिएंट के बारे में जो बात अभी तक सामने आ रही है वह यह है कि यह वैरिएंट शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को चकमा दे रहा है। साथ ही मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्ति के शरीर में भी वायरस म्यूटेशन कर रहा है। इसलिए यह ज्यादा संक्रामक है। लेकिन, इससे घबराने की जरूरत नहीं है।
(प्रोफेसर डाक्टर बीएल शेरवाल से बातचीत पर आधारित)