Night Curfew: दिल्‍ली में नाइट कर्फ्यू पर 3 से 4 दिन में हो सकता है फैसला, जानिए कोविड जंग में सरकार की तैयारी

Night Curfew in Delhi दिल्‍ली में बढ़ते कोरोना को रोकने के लिए दिल्‍ली सरकार के साथ केंद्र सरकार भी पूरी तरह एक्‍टिव है। अब इसी कड़ी में दिल्‍ली हाई कोर्ट ने भी गुरुवार को एक अहम फैसला सुनाया है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 08:50 PM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 07:30 AM (IST)
Night Curfew: दिल्‍ली में नाइट कर्फ्यू पर 3 से 4 दिन में हो सकता है फैसला, जानिए कोविड जंग में सरकार की तैयारी
हाई कोर्ट ने नाइट कर्फ्यू के बारे में सरकार से कहा है कि फैसला लेने का सही समय यही है।

नई दिल्‍ली, विनीत त्रिपाठी। कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट को अपनी तैयारियों की जानकारी देते हुए बताया कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। जल्द ही रात को कर्फ्यू लगाने पर फैसला लिया जाएगा। न्यायमूर्ति हिमा कोहली व न्यायमूर्ति एस प्रसाद की पीठ कोरोना की जांच दर बढ़ाने की मांग को लेकर याचिकाकर्ता राजीव मल्होत्रा की जनहित याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट सुनवाई कर रही है।

पीठ ने दिल्ली में संक्रमण की वजह से बिगड़ते हालात को लेकर सरकार पर सवाल उठाया था। पीठ ने पूछा कि एक महीने के अंदर दो हजार लोगों की मौत हो चुकी है। आखिर सरकार क्या कर रही है। पीठ ने कहा कि कई राज्यों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। क्या दिल्ली सरकार भी इस दिशा में विचार कर रही है

इसके जवाब में दिल्ली सरकार की तरफ से अधिवक्ता संदीप सेठी व अधिवक्ता सत्यकाम ने बताया कि इस इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। यह संक्रमण की दर पर निर्भर करता है। तीन-चार दिन में रात को कर्फ्यू लगाने पर फैसला लिया जा सकता है।

दिल्ली सरकार ने यह भी कहा कि स्थिति को देखते हुए जांच की दर भी बढ़ा दी गई है। इस पर पीठ ने दिल्ली सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाते कहा कि आरटीपीसीआर की जांच की संख्या तब बढ़ाई गई जब लोगों की जान चली गई। पीठ ने कोरोना पर लगाम लगाने की दिशा में उठाए गए कदमों की जानकारी के साथ स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। याचिका पर अगली सुनवाई तीन दिसंबर को होगी।

नकद जुर्माना लेने से बचें

सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वालों से वसूले जा रहा जुर्माने को नकद लेने से बचने के लिए व्यवस्था बनाएं। साथ ही यह भी कहा कि वसूल की जा रही धनराशि का उपयोग सार्थक काम और कोरोना की लड़ाई में होना चाहिए।

हेल्थ केयर सेंटरों के खाली बेडों पर पूछा सवाल

अदालत ने सवाल उठाया कि हेल्थ केयर सेंटर में बेड खाली क्यों है और इस संबंध में विज्ञापन देने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। दिल्ली सरकार ने कहा कि सभी जानकारी दिल्ली फाइट कोरोना वेबसाइट पर उपलब्ध है। इस पर कोर्ट ने कहा कि सभी के लिए यह अनुकूल नहीं है। पीठ ने पूछा सरकार कैसे सुनिश्चित कर रही है कि किस शादी में कितने लोग आए हैं और सरकार के प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं हो रहा है। सरकार का इस को लेकर नीति और कदम क्या है।

सही काम कर रहा है हेल्पलाइन नंबर

सुनवाई के दौरान पीठ ने याचिकाकर्ता राकेश मल्होत्रा के अधिवक्ता से पूछा कि क्या कोरोना को लेकर दिल्ली सरकार द्वारा जारी किया गया हेल्पलाइन नंबर (1031) ठीक से काम कर रहा है। पीठ ने याची से कहा कि वे जांच कर बताएं और अचानक हेल्पलाइन नंबर पर फोन करें। थोड़ी देर के बाद याचिकाकर्ता ने पीठ को बताया कि उन्होंने हेल्पलाइन नंबर पर फोन किया था और सब कुछ सही ढंग से काम कर रहा है।

सभी जानकारी नहीं देने पर लगाई फटकार

अदालत में पेश की गई स्थिति रिपोर्ट में सभी जानकारी स्पष्ट रूप से नहीं होने पर दिल्ली सरकार को फटकार भी लगाई। स्थिति रिपोर्ट का प्रिंट इतना हल्का था कि बेड की संख्या को स्पष्ट रूप से पढ़ा भी नहीं जा सका।

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