जीना इसी का नाम है: जीवन में संयम और अनुशासन से जीतेंगे हम हर जंग, बस भरोसा रखिए
कोरोना महामारी से संक्रमित होना बिल्कुल भयावह जैसा नहीं है। बस भरोसा रखिए खुद पर कि ये वक्त भी निकल जाएगा लेकिन इस महामारी में मिले संदेश बहुत खास हैं। ये कहना है राज्यसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ला की पत्नी जानकी शुक्ला का।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। कोरोना महामारी से संक्रमित होना बिल्कुल भयावह जैसा नहीं है। बस भरोसा रखिए खुद पर कि ये वक्त भी निकल जाएगा और आप फिर पहले की तरह स्वस्थ हो जाएंगे। लेकिन इस महामारी में मिले संदेश बहुत खास हैं। ये कहना है राज्यसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ला की पत्नी जानकी शुक्ला का। नई दिल्ली में रहने वाली जानकी बताती हैं कुछ समय पहले तेज बुखार और खांसी आने के बाद उन्होंने कोरोना की जांच कराई।
जांच रिपोर्ट पाजीटिव आई तो उन्होंने खुद को अलग कमरे में आइसोलेट कर लिया। वो कहती हैं कि हमें अपनी भारतीय जीवन पद्धति, योग, प्राणायाम, प्रकृति से संवाद को अपनाने की जरूरत है। तभी हम इस महामारी से जंग जीत सकते हैं। सिर्फ यही नहीं अगर जीवन में संयम और अनुशासन है तो हम हर जंग जीत सकते हैं।
भारतीय अध्यात्म से प्रभावित जीवन शैली ही सुखद भविष्य दे सकती है। अपनी जड़ों से उखड़ने के परिणाम अच्छे नहीं होते। हम अगर अपनी जमीन पर खड़े रहेंगें तो कोई भी वायरस हमें प्रभावित तो कर सकता है, पराजित नहीं। उन्होंने बताया कि उन्होंने रोजाना गिलोय का काढ़ा पिया। रोज सुबह उठकर भांप ली, गुनगुनी धूप में समय बिताया और सांसों का व्यायाम किया।
उनके मुताबिक उन्होंने गले में कफ सही हो इसके लिए रोजाना अदरक और काली मिर्च वाली चाय पी। इसके साथ ही वो हर दो घंटे में गर्म पानी भी पीती थी। जिससे उन्हें काफी आराम मिला। उन्होंने बताया कि इस समय हमें सकारात्मक रहना बहुत जरूरी है तो इलाज के साथ ही कोई भी ऐसा कार्य करिए जिससे आपका सकारात्मक ऊर्जा मिले। उनके मुताबिक उन्होंने इस बीच अपनी पसंद कि किताबें पढ़ी जिसे उन्हें एक सकारात्मक ऊर्जा मिलती थी।