पीएम मोदी से गलत तारीख पर भी जन्मदिन की बधाई पाकर खुश हैं दिल्ली BJP की ये नेता

दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी की प्रवक्ता नेहा शालिनी दुआ इन दिनों फेसबुक पर अपने एक पोस्ट को लेकर चर्चा में हैं। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जन्मदिन की शुभकामनाएं मिली हैं। इसे लेकर वह उनका धन्यवाद कर रहीं हैं।

By Jp YadavEdited By: Publish:Mon, 05 Jul 2021 12:48 PM (IST) Updated:Mon, 05 Jul 2021 12:48 PM (IST)
पीएम मोदी से गलत तारीख पर भी जन्मदिन की बधाई पाकर खुश हैं दिल्ली BJP की ये नेता
पीएम मोदी से गलत तारीख पर भी जन्मदिन की बधाई पाकर खुश हैं दिल्ली BJP की ये नेता

नई दिल्ली [वीके शुक्ला/संजीव गुप्ता]।  दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी की प्रवक्ता नेहा शालिनी दुआ इन दिनों फेसबुक पर अपने एक पोस्ट को लेकर चर्चा में हैं। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जन्मदिन की शुभकामनाएं मिली हैं। इसे लेकर वह उनका धन्यवाद कर रहीं हैं। खुशी भी जता रहीं हैं। साथ ही उन्हें इस बात का मलाल है कि प्रधानमंत्री का बधाई संदेश सही तारीख को नहीं मिला। इसे लेकर उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि पिछले तीन वर्षों से प्रधानमंत्री का उन्हें जन्मदिन का बधाई संदेश मिल रहा है। यह उनके लिए खुशी की बात है, लेकिन नवंबर के बजाय जून में ही यह संदेश भेज दिया जा रहा है। कई नेता इनकी इस बेबाकी की प्रशंसा भी कर रहा है। वहीं, कई इसे अति आत्म विश्वास बता रहे हैं। कोई उन्हें अपने स्तर पर गलती की पड़ताल करने की सलाह दे रहा है। कहीं ऐसा न हो कि उनके द्वारा दिए गए विवरण में यह गलती हो।

यूथ के चुनाव में प्रदेश कांग्रेस में भी दंगल

दिल्ली युवा कांग्रेस के चुनाव तो संपन्न हो गए, लेकिन इसकी जोर आजमाइश प्रदेश कांग्रेस में भी देखने को मिली। प्रदेश कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता दिल्ली यूथ कांग्रेस के इस चुनाव में सीधे तौर पर शामिल हुए। उनकी साख दांव पर लगी हुई थी। इसमें पूर्व मंत्री अरविंदर सिंह लवली, प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी, पूर्व विधायक विजय ¨सह लोचव, प्रदेश उपाध्यक्ष जयकिशन औैर पूर्व विधायक तलविंदर सिंह मारवाह के नाम खासतौर पर शामिल हैं। ये सभी नेता अपनी साख बचाने में कामयाब भी हो गए। विडंबना यह कि पार्टी आलाकमान के स्पष्ट निर्देश थे कि वरिष्ठ नेता इन चुनावों से दूर रहे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इन चुनावों के बहाने प्रदेश कांग्रेस की गुटबाजी भी एक बार फिर से सामने आ गई। कुछ नेता तो अपनों को जिताने से ज्यादा दूसरों को हराने में ज्यादा लगे हुए थे।

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