कोरोनावायरस संक्रमण से ठीक होने के बाद भी बनी रहती हैं ये समस्याएं, जानिए डॉक्टर ने क्या बताया

कोविड पश्चात केयर सेंटर में आ रहे मरीज कमजोरी पेट खराब किडनी लीवर की समस्याओं के साथ-साथ हाथ-पैर अकड़ने की भी दिक्कतें बता रहे हैं। बता दें कि दिल्ली सरकार ने कोविड पश्चात आयुर्वेद केंद्रों की संख्या 44 से बढ़ाकर 68 कर दी है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 01:09 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 01:09 PM (IST)
कोरोनावायरस संक्रमण से ठीक होने के बाद भी बनी रहती हैं ये समस्याएं, जानिए डॉक्टर ने क्या बताया
रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी मरीज कर रहे सांस फूलने की शिकायत।

नई दिल्ली, [वी के शुक्ला]। दिल्ली में कोरोना की सबसे खतरनाक चौथी लहर (देश में संक्रमण की दूसरी लहर चल रही है) में मरीज की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी लोग सांस फूलने की शिकायत कर रहे हैं। कोविड पश्चात केयर सेंटर में आ रहे मरीज कमजोरी, पेट खराब, किडनी, लीवर की समस्याओं के साथ-साथ हाथ-पैर अकड़ने की भी दिक्कतें बता रहे हैं। बता दें कि दिल्ली सरकार ने कोविड पश्चात आयुर्वेद केंद्रों की संख्या 44 से बढ़ाकर 68 कर दी है। यहां से पिछले एक माह में 81,600 लोगों ने इलाज कराया है। इस हिसाब से एक केंद्र से 12 सौ लोगों ने लाभ लिया है। इन केंद्रों पर अधिकतर ऐसे लोग आ रहें, जिनकी कोरोना रिपोर्ट तो नेगेटिव है, लेकिन वे बीमार हैं। ऐसे लोग आयुर्वेद की ओर रुख कर रहे हैं।

हर घर के लिए काम की जानकारी

अगर घर में किसी एक सदस्य को कोरोना हो गया है तो परिवार के अन्य सदस्य संशमनी वटी का उपयोग करें। सुबह व शाम को एक-एक गोली खाने से उन्हें लाभ मिलेगा और वे काफी हद तक कोरोना से सुरक्षित रहेंगे। इसे 15 दिन तक लेना चाहिए। डा. नीरज त्रिपाठी नेगेटिव आ चुके कोरोना मरीजों को भी यह वटी देने की सलाह देते हैं। सेहतमंद लोग भी इसे प्रतिदिन ले सकते हैं। संशमनी वटी गिलोय से बनी होती है। यह गिलोय रस से यह ज्यादा असरकारक होती है। अगर घर में कोई सदस्य कोरोना पाजिटिव है और अन्य लोगों को कोई लक्षण नहीं है तो ऐसे सदस्य अश्वगंधा और मुलेठी दिन में एक बार दूध के साथ जरूर लें।

आयुष क्वाथ जरूर लें

जो लोग कोरोना के मरीज हैं या नेगेटिव आ चुके हैं या फिर मरीज के परिवार के सदस्य हैं, वे आयुष क्वाथ जरूर लें। एक कप गर्म पानी में एक चौथाई चम्मच ही आयुष क्वाथ डालें। यह बहुत गुणकारी है। इसमें दाल चीनी, काली मिर्च, सोंठ और तुलसी है। इसे मुनक्का या गुड़ मिलाकर भी लिया जा सकता है। एक ध्यान देने वाली बात यह है कि कुछ लोग आयुष क्वाथ को बहुत देर तक उबालते हैं और जब पानी आधा रह जाता है तो पीते हैं। यह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक नहीं है।

किस तरह के दिखाई देते हैं लक्षणकमजोरी-38 फीसद, सांस फूलना-23 फीसद, पेट से संबंधित परेशानी-27 फीसद, भूख न लगना-नौ फीसद, कफ-13 फीसद, पीठ दर्द-11 फीसद, त्वचा संबंधी दिक्कत-10 फीसद, सर्दी-जुकाम-छह फीसद, सिरदर्द-पांच फीसद।

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