अगले दो साल में 15 लाख युवाओं को रोजगार देंगी ये कंपनियां

फूड और बेवरेज इंडस्ट्री आने वाले दो वर्षों में 15 लाख युवाओं को रोजगार देंगी। इसके लिए ये कंपनियां नोएडा-गाजियाबाद सहित देश भर में एक हजार प्लांट लगाने जा रही हैं।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Wed, 23 Jan 2019 01:09 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jan 2019 04:33 PM (IST)
अगले दो साल में 15 लाख युवाओं को रोजगार देंगी ये कंपनियां
अगले दो साल में 15 लाख युवाओं को रोजगार देंगी ये कंपनियां

नोएडा, जेएनएन। फूड और बेवरेज इंडस्ट्री आने वाले दो वर्ष में नोएडा-गाजियाबाद सहित देश भर में एक हजार प्लांट लगाने जा रही है। इसमें सीधे तौर पर छह हजार करोड़ का निवेश किया जाएगा। इसमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 15 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की योजना है। जो प्रदेश ही नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री के उस सपने को भी साकार करेगी। इसके तहत मेक इन इंडिया के तहत देश के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराया जा सके।

इसकी शुरुआत फ्यूचर च्वाइस ग्रुप ने की है। ग्रुप सीएमडी पीयूष कुमार द्विवेदी ने बताया कि देश में फूड एवं बेवरेज इंडस्ट्री का कुल कारोबार 40 हजार करोड़ रुपये का है। इसमें प्रतिवर्ष 30 फीसद डिमांड हर वर्ष बढ़ती है। हैरानी की बात यह है कि 50 फीसद ब्रांडेड वाटर की डिमांड हर समय बनी रहती है। उन्होंने बताया कि प्रदेश व देश में जितने भी प्लांट संचालित होने जा रहे है। यह सब माइक्रो यूनिट्स है। जिन पर छह करोड़ रुपये का निवेश हो रहा है।

गरीबी उन्मूलन के लिए तीन दशक तक 10 फीसद वृद्धि दर जरूरी

भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था का अधिक हिस्सा बनना होगा, क्योंकि आज युवा विश्व का नेतृत्व कर रहे हैं। हमें कारोबार को सुगम करने की जरुरत है, जिसे पहचानने की जरूरत आ चुकी है। लाखों लोगों को गरीबी से निकालने के लिए देश को अगले तीन दशक तक करीब 10 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करनी जरुरी है। इस देश हित के कार्य में उद्यमियों से बेहतर कोई योगदान नहीं दे सकता। जरूरत है कि सभी उद्यमी कदम ताल करें। इस उद्देश्य के साथ फेज-2 में सेक्टर-83 स्थित टेक्नोमेट कंपोशीट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के एमडी राजेश जैन फैक्ट्री का संचालन कर रहे हैं।

महिलाओं को उनके दर पर ही रोजगार उपलब्ध कराया

नोएडा की एक्समार्ट इंटरनेशनल कंपनी वैसे तो पहचान की मोहताज नहीं है। हैंडी क्रॉफ्ट में इसका बड़ा नाम है। कंपनी खुद कारोबार ही नहीं करती, बल्कि गरीबी उन्मूलन का कार्य कर रही है। कंपनी के एमडी राजेश कुमार जैन ने बताया कि उनका कारोबार बहुत नीचे तबके के लोगों के बिना संचालित नहीं हो सकता। जितना उनको मेहनताना मिलता है, उससे एनसीआर में गुजारा नहीं हो सकता। इन कारीगरों को उनके ठीए पर ही रॉ मैटेरियल उपलब्ध करना पड़ा है। सहारनपुर, मुरादाबाद, मेरठ के 400 गांव की महिलाओं को कारोबार से जोड़ रखा है।

chat bot
आपका साथी