Regional Rapid Transit System: रैपिड मेट्रो में देखने को मिलेंगे ये बड़े बदलाव, यात्री रहेंगे पूरी तरह से सुरक्षित

Regional Rapid Transit System अत्याधुनिक हाइब्रिड लेवल थ्री की स्थिति को अपनाने के साथ-साथ लॉन्ग-टर्म इवोल्यूशन के ढांचे पर आधुनिक यूरोपीय ट्रेन कंट्रोल सिस्टम लेवल टू सिग्नलिंग को अपनाने के साथ ही आरआरटीएस दुनिया के सबसे उन्नत सिग्नलिंग और ट्रेन कंट्रोल सिस्टम अपनाने वाले ट्रांजिट सिस्टम में शामिल हो जाएगा।

By JP YadavEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 09:00 AM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 09:00 AM (IST)
Regional Rapid Transit System: रैपिड मेट्रो में देखने को मिलेंगे ये बड़े बदलाव, यात्री रहेंगे पूरी तरह से सुरक्षित
एक्सेलरेशन, ब्रेकिंग और ट्रेनों के स्टॉपेज को नियंत्रित करेगा।

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]।  रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (Regional Rapid Transit System) में कई अत्याधुनिक प्रणालियों का देश में पहली बार इस्तेमाल किया जाएगा। देश में पहली बार आरआरटीएस में दुनिया की सबसे उन्नत सिग्नलिंग और ट्रेन कंट्रोल टेक्नोलाजी का इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें अत्याधुनिक हाइब्रिड लेवल थ्री की स्थिति को अपनाने के साथ-साथ लॉन्ग-टर्म इवोल्यूशन के ढांचे पर आधुनिक यूरोपीय ट्रेन कंट्रोल सिस्टम लेवल टू सिग्नलिंग को अपनाने के साथ ही आरआरटीएस दुनिया के सबसे उन्नत सिग्नलिंग और ट्रेन कंट्रोल सिस्टम अपनाने वाले ट्रांजिट सिस्टम में शामिल हो जाएगा।

मिला अल्स्टॉम इंडिया अवॉर्ड

आरआरटीएस को अल्स्टॉम इंडिया अवार्ड से सम्मानित किया गया है। यह मेंडेट भारत सरकार की तरफ से तय विभिन्न घटकों में स्थानीय सामग्री की विशिष्ट आवश्यकता को पूरा करने सहित मेक इन इंडिया के दिशा-निर्देशों के अनुरूप है। यह भारत में 180 किमी प्रतिघंटे की गति के साथ परिचालन करने वाला पहला उन्नत रीजनल रेल नेटवर्क है।

घटाई जाएगी लागत

भविष्य के आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए यह किसी एक वेंडर पर निर्भर नहीं रहा जाएगा, जिससे लागत में भी कमी आएगी। आरआरटीएस ऑटोमैटिक ट्रेन ऑपरेशन (एटीओ) कार्यक्षमता से सुसज्जित होगा जो ट्रेनों के ट्रेक्शन सिस्टम, एक्सेलरेशन, ब्रेकिंग और ट्रेनों के स्टॉपेज को नियंत्रित करेगा। यह ऊर्जा का कुशल उपयोग करने के साथ-साथ आरआरटीएस सेवा की विश्वसनीयता को बढ़ाएगा। इसके अलावा एलटीई का ढांचा मिशन क्रिटिकल वॉयस और ऑन-बोर्ड सीसीटीवी स्ट्रीमिंग को भी पूरा करेगा।

आरआरटीएस में मिशन क्रिटिकल एलटीई का उपयोग

भारत में विश्वसनीय मिशन क्रिटिकल नेटवर्क की तैनाती की दिशा में एक कदम और आगे होगा। यह भारत में आगामी रेल-आधारित प्रणालियों में इस तकनीक को अपनाने के लिए एक मिसाल कायम करेगा।

लगाए जाएंगे स्क्रीन डोर

आकस्मिक कारणों से यात्रियों के पटरियों पर गिरने की किसी भी संभावना से बचने के लिए, सभी आरआरटीएस स्टेशनों में प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर लगे होंगे। प्लेटफॉर्म स्क्रीन दरवाजे सिग्नलिंग सिस्टम के साथ एकीकृत होंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि ट्रेन के दरवाजे से सिंक हों। ट्रेन के दरवाजे और पीएसडी दोनों बंद हो जाने की स्थिति में ही ट्रेन चलेगी, जिससे यात्रियों की पूरी सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

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