करोलबाग में जाम व पार्किंग समस्‍या से मिलेगी राहत, फ्री होल्ड आधार पर बनेंगी चार बहुमंजिला पार्किंग

करोलबाग को जाममुक्त कराने और पार्किंग की समस्या से निजात दिलाने के लिए उत्तरी निगम ने फ्री होल्ड आधार पर करोलबाग की चार संपत्तियों में पार्किंग कांप्लेक्स बनाने का फैसला लिया है। इससे लोगों को काफी राहत मिलेगी।

By Jagran News NetworkEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 12:59 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 04:54 PM (IST)
करोलबाग में जाम व पार्किंग समस्‍या से मिलेगी राहत, फ्री होल्ड आधार पर बनेंगी चार बहुमंजिला पार्किंग
करोलबाग को जाममुक्त कराने और पार्किंग की समस्या से निजात। प्रतीकात्‍मक

नई दिल्‍ली, जागरण संवाददाता। करोलबाग को जाममुक्त कराने और पार्किंग की समस्या से निजात दिलाने के लिए उत्तरी निगम ने फ्री होल्ड आधार पर करोलबाग की चार संपत्तियों में व्यावसायिक कम पार्किंग कांप्लेक्स बनाने का फैसला लिया है। 99 वर्ष के पट्टे पर देकर पार्किंग बनाने में सफलता न मिलने पर निगम अब इन संपत्तियों को फ्री होल्ड पर देगा। खराब वित्तीय स्थिति के चलते निगम यह फैसला लेने पर मजबूर हुआ है। ऐसा पहली बार है कि निगम ने चार संपत्तियों को एक साथ बेचकर उससे राजस्व अर्जित करने का प्रयास किया हो। हालांकि निगम का दावा है कि इससे करोलबाग की पार्किंग की समस्या का हल होगा। इसलिए इससे संबंधित प्रस्ताव को स्थायी समिति ने मंजूरी दे दी है।

1922 वाहनों के पार्किंग की होगी सुविधा: निगम की ओर से पास किए गए प्रस्ताव के अनुसार बैंक स्ट्रीट, शास्त्री पार्क, पूसा लेन और ओल्ड राजेंद्र नगर में चार व्यावसायिक परिसर व पार्किंग स्थल बनेंगे तो 1922 पार्किंग की क्षमता विकसित हो जाएगी। इसकी वजह से जहां अजमल खां रोड को वाहनमुक्त करने में आ रही दिक्कत का भी समाधान हो जाएगा। पूसा लेन में 381 वाहनों की क्षमता, शास्त्री पार्क में 577, ओल्ड राजेंद्र नगर में 464 और बैंक स्ट्रीट में 500 वाहनों की क्षमता की पार्किंग बनेगी। प्रस्ताव के अनुसार हर स्थान की 75 फीसद पार्किंग क्षमता का ही उपयोग निगम को मिलेगा। बाकी 25 फीसद पार्किंग क्षमता व्यावसायिक कांप्लेक्स का निर्माण करने वाली संस्था के पास होगी।

यह करने की है योजना: निगम निविदा के माध्यम से कंपनी या संस्थान को प्लाट फ्री होल्ड के आधार पर देगा। इसके बाद निविदा में सफल होने वाली संस्था इन प्लाटों पर व्यावसायिक कांप्लेक्स का निर्माण करेंगी। चूंकि सभी प्लाट तीन हजार वर्ग मीटर से अधिक के हैं तो इन्हें 60 फीसद ही फ्लोर एरिया रेश्यो (एफएआर) मिलेगा।

एक हजार करोड़ रुपये का मिलेगा राजस्व: निगम को इन चार पार्किंग स्थलों को बेचने से एक हजार करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व आने की उम्मीद है। निगम ने पूसा लेन में 3175 वर्ग मीटर प्लाट के लिए 148.67 करोड़ रुपये का न्यूनतम मूल्य रखा है तो वहीं शास्त्री पार्क में 4806 वर्ग मीटर के प्लाट के लिए 195.52 करोड़, राजेंद्र नगर में 3871 वर्ग मीटर प्लाट के लिए 168.67 करोड़ और बैंक स्ट्रीट के लिए 175.67 करोड़ की न्यूनतम राशि तय की है। कुल यह राशि 688 करोड़ बैठती है। निगम को उम्मीद है कि जब निविदा की जाएगी तो यह राशि एक हजार करोड़ से ज्यादा जाएगी। इससे निगम को वेतन और कर्मचारियों के बकाया भुगतान करने में मदद मिलेगी।

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