दिल्ली में पटाखे जलाने, बेचने और कहीं ले जाने पर है पूरी तरह से प्रतिबंध, नहीं माने तो थाने की डायरी में दर्ज होगा नाम

Ban on Firecrackers in Delhi पुलिस इलाके में गश्त कर इस बात को सुनिश्चित कर रही है कि एसीपी के इस आदेश का कहीं उल्लंघन नहीं हो। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मंगलापुरी में गश्त के दौरान पुलिसकर्मियों की नजर ऐसे शख्स पर पड़ी जो पटाखा जला रहा था।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 01:12 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 02:10 PM (IST)
दिल्ली में पटाखे जलाने, बेचने और कहीं ले जाने पर है पूरी तरह से प्रतिबंध, नहीं माने तो थाने की डायरी में दर्ज होगा नाम
वायु प्रदूषण को देखते हुए इलाके के पटाखे जलाने, बेचने और कहीं ले जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली में पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगा है। पुलिस ऐसे लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर रही है, जो इस प्रतिबंध को नहीं मान रहे हैं। आने वाले समय में ऐसे मामले सामने आने पर आगे भी कार्रवाई होती रहेगी। पालम थाने में दर्ज तीनों शिकायतों में कहा गया है कि वायु प्रदूषण को देखते हुए इलाके के एसीपी की ओर से पटाखे जलाने, बेचने और कहीं ले जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है।

पुलिस इलाके में गश्त कर इस बात को सुनिश्चित कर रही है कि एसीपी के इस आदेश का कहीं उल्लंघन नहीं हो। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मंगलापुरी में गश्त के दौरान पुलिसकर्मियों की नजर ऐसे शख्स पर पड़ी, जो पटाखा जला रहा था, पुलिस को देखकर वह वहां से भाग गया। इस तरह की घटना दो और जगहों पर हुईं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वायू प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण के कारण पटाखे को लेकर लगे प्रतिबंध के बाबत क्षेत्र में विभिन्न माध्यमों पर जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। क्षेत्र में उदघोषणा भी कराई जा रही है।

उधर पश्चिमी दिल्ली के कापसहेड़ा स्थित एक गेस्ट हाउस में चार किशोर पार्टी करने आए थे। इनमें से एक पिस्टल लेकर आया था। दूसरे ने पिस्टल देखने के लिए हाथ में ली। इसी दौरान गोली चल गई। गोली उसके बायें हाथ में लगती हुई घुटने में जा लगी। जिस किशोर की पिस्टल थी, वह उसे लेकर मौके से चला गया। जबकि एक अन्य किशोर ने गोली का खोल उठाया और वह भी मौके से निकल गया। इसके बाद कमरे में केवल घायल किशोर और उसका एक दोस्त रह गया। दोस्त ही घायल किशोर को अस्पताल लेकर गया।

अस्पताल में मामले को छिपाने के इरादे से दोनों किशोरों ने चिकित्सक को झूठी कहानी बताई। दोनों ने चिकित्सक को बताया कि लोहे के सरिए से पैर और हाथ में चोट लगी है। इसके बाद पट्टी कराके दोनों अस्पताल से चले गए। जब मामला पुलिस के संज्ञान में आया तो वह मौके पर पहुंची तो देखा कि गेस्ट हाउस के कमरे को साफ कर दिया गया है, लेकिन पुलिस को बेड के गद्दे और तकिए पर खून के कुछ निशान मिले। पुलिस ने घटनास्थल से तमाम साक्ष्य एकत्रित किए और आरोपितों की तलाश में जुट गई। पुलिस के सबसे अहम सवाल है कि किशोर के पास पिस्टल कहां से आई। पिस्टल वैध है या अवैध।

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