दक्षिणी दिल्ली के बाजारों में नहीं हैं आग से बचाव के इंतजाम, सेंट्रल मार्केट में हुए हादसे ने खोली पोल

मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष महेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि नजदीक ही कालकाजी फायर स्टेशन है। इसके बाद भी मदद पहुंचने में काफी समय लग जाता है। हर मार्केट में एक दमकल की गाड़ी जरूर होनी चाहिए ताकि आग लगने पर प्राथमिक मदद तुरंत उपलब्ध हो सके।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 08:35 AM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 08:35 AM (IST)
दक्षिणी दिल्ली के बाजारों में नहीं हैं आग से बचाव के इंतजाम, सेंट्रल मार्केट में हुए हादसे ने खोली पोल
दिल्ली के बाजारों में आग से बचाव के क्या है इंतजाम?

नई दिल्ली [गौरव बाजपेई]। लाजपत नगर के सेंट्रल मार्केट में हुए हादसे ने आग से बचाव के पर्याप्त इंतजामों के दावों की पोल खोल कर रख दी है। गनीमत रही की सुबह के वक्त दुकानें बंद थी और बड़ा हादसा होने से बच गया, लेकिन प्रशासन और दुकानदारों की लापरवाही किसी दिन लोगों पर भारी पड़ सकती है। लाजपत नगर मार्केट राजधानी के भीड़-भाड़ वाले इलाकों में से एक है। यहां सामान्य दिनों में एक लाख से अधिक लोग पहुंचते हैं। इसके बावजूद यहां की ज्यादातर दुकानों पर आग से बचाव के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। अधिकतर दुकानों में अग्निशमन यंत्र तक नहीं हैं। वहीं, नेहरू प्लेस स्थित कंप्यूटर मार्केट में भी ज्यादातर दुकानों पर आग से बचाव के पर्याप्त इंतजाम नहीं है। कुछ ने इसकी व्यवस्था की भी है तो उन्हें इसे चलाना नहीं आता है।

मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष महेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि नजदीक ही कालकाजी फायर स्टेशन है। इसके बाद भी मदद पहुंचने में काफी समय लग जाता है। हर मार्केट में एक दमकल की गाड़ी जरूर होनी चाहिए, ताकि आग लगने पर प्राथमिक मदद तुरंत उपलब्ध हो सके। इसके अलावा दमकल विभाग को हर तीन माह में एक माक ड्रिल का आयोजन करना चाहिए, ताकि लोगों को उपकरण चलाने की आदत बनी रहे।

हाइड्रोलिक प्लेटफार्म के जरिये बुझाई गई आग

तीन मंजिला इमारत में लगी आग बुझाने के लिए दमकलकíमयों ने हाइड्रोलिक प्लेटफार्म का इस्तेमाल किया। इस दौरान एनडीआरएफ और डीडीएमए की टीम भी मौके पर पहुंची। करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।

पीड़ितों को 20 लाख रुपये दें राज्य सरकार: गौतम गंभीर

लाजपत नगर सेंट्रल मार्केट में भीषण आग की घटना के बाद सांसद गौतम गंभीर भी मौके पर पहुंचे और पीड़ित व्यापारियों से बातचीत की। सांसद ने सभी कारोबारियों को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को कम से कम 20 लाख रुपये का मुआवजा हर दुकानदार को देना चाहिए और दुकानदारों का दो माह का बिजली का बिल माफ करना चाहिए। उन्होंने लाकडाउन में दुकानदारों की हालत ठीक नहीं है। ऐसे में भाजपा कारोबारियों की हरसंभव मदद के लिए तैयार है। इस दौरान स्थानीय निगम पार्षद सुनील सहदेव भी मौजूद रहे।

सरोजनी नगर मार्केट में तीन साल पहले हुई थी माक ड्रिल

राजधानी के सबसे ज्यादा भीड़ वाले बाजारों में से एक सरोजनी नगर मार्केट में तीन साल पहले दमकल विभाग की तरफ से माक ड्रिल कराई गई थी। मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक रंधावा का कहना है कि पिछले तीन साल से दमकल विभाग की तरफ से कोई जागरूकता कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया हैं। नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) से भी इंतजाम करने की मांग की गई है, लेकिन अभी तक इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया है।

पुरानी दिल्ली के बाजार भी दे रहे हादसे को दावत

संकरी गलियों और ऊंची इमारतों वाले पुरानी दिल्ली के थोक व खुदरा बाजार भी हादसे को दावत दे रहे हैं। शाहजहांनाबाद पुर्नविकास परियोजना के तहत चांदनी चौक मुख्य मार्ग में तारों को भूमिगत कर दिया गया है। आग लगने की स्थिति में पानी की आपूर्ति के लिए यहां जगह-जगह फायर हाइड्रेंट भी लगे हैं। लेकिन, अंदर की गलियों को पुराने हाल पर छोड़ दिया गया है। यहां की 20 से अधिक थोक व खुदरा बाजारों में एक लाख से अधिक दुकानें है। जहां आग से बचाव के इंतजाम तो छोडि़ए आग लगने की स्थिति में दमकल विभाग की गाडि़यां भी नहीं पहुंच सकती है। इसी वर्ष जनवरी माह में कटरा नील में आग लगने से कपड़े की कई दुकानें स्वाहा हो गई थीं। इसी तरह वर्ष 2018 में कटरा धूलिया में लगी आग से 100 से अधिक दुकान व गोदाम जलकर राख हो गए थे।

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