Delhi Coronavirus: एमबीबीएस डाक्टरों के भरोसे आइसीयू कोविड केयर सेंटर, नहीं हैं एनेस्थीसिया और क्रिटिकल केयर के डाक्टर

Delhi Coronavirus Case एक वरिष्ठ डाक्टर के मुताबिक बिना एनेस्थीसिया व क्रिटिकल केयर की टीम के मरीजों को आइसीयू सपोर्ट देना संभव नहीं है। मतलब साफ है कि आइसीयू बेड के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 07:45 AM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 07:45 AM (IST)
Delhi Coronavirus: एमबीबीएस डाक्टरों के भरोसे आइसीयू कोविड केयर सेंटर, नहीं हैं एनेस्थीसिया और क्रिटिकल केयर के डाक्टर
मरीजों को आइसीयू की सुविधा मिलना मुश्किल

नई दिल्ली [राहुल चौहान]। राजधानी में आइसीयू बेड की कमी को दूर करने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा रामलीला मैदान में बनवाए गए 500 आइसीयू बेड के कोविड केयर सेंटर के शनिवार को 250 आइसीयू बेड शुरू हो गए। साथ ही करीब 20 मरीज भी यहां भर्ती हुए। लेकिन चिंताजनक यह है कि आइसीयू बेड को चलाने के लिए एनेस्थीसिया और क्रिटिकल केयर के विशेषज्ञ डाक्टर की जरूरत पड़ती है। लेकिन यहां इनमें से इस तरह का कोई विशेषज्ञ नहीं रखा गया है। एक वरिष्ठ डाक्टर के मुताबिक बिना एनेस्थीसिया व क्रिटिकल केयर की टीम के मरीजों को आइसीयू सपोर्ट देना संभव नहीं है। मतलब साफ है कि आइसीयू बेड के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है।

मौजूदा स्टाफ में जो डाक्टर हैं उनमें अधिकांश नए हैं, जिन्हें मरीजों को आइसीयू स्पोर्ट देने का अनुभव नहीं है। वहीं, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दो दिन बाद अन्य 250 बेड शुरू करने की बात कह चुके हैं। ऐसे में यहां भर्ती होने वाले आइसीयू की आवश्यकता वाले मरीजों को अव्यवस्था के अभाव में आइसीयू की सुविधा मिलना तो संभव नहीं है।

जब इस मामले में कोविड केयर सेंटर की जिम्मेदारी संभाल रहे लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डाक्टर सुरेश कुमार से पूछा गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। इनके इलाज की जिम्मेदारी लोकनायक अस्पताल को दी गई है। अस्पताल की ओर से यहां भर्ती होने वाले मरीजों के लिए अलग से डाक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों को रखा गया है।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यहां फिलहाल 50 एमबीबीएस डाक्टर, 50 नर्स, 90 नर्सिंग अधिकारी, सात मैनेजर, 60 सुरक्षाकर्मी और नौ टेक्नीशियन रखे गए हैं। इन सभी के कंधों पर यहां भर्ती होने वाले मरीजों के इलाज व देखरेख की जिम्मेदारी है। इनकी ड्यूटी यहां तीन शिफ्ट में लगाई गई है। इनमें डाक्टर को छह हजार रुपये और नर्स को दो हजार रुपये प्रति शिफ्ट के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। वहीं, अन्य को सेवा प्रदाता कंपनी अपने अनुसार भुगतान करेगी।

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