विश्व आज आतंकवाद, हिंसा व कट्टरवाद की गंभीर समस्याओं से घिरा है: डा इंद्रेश कुमार

डॉ. इंद्रेश कुमार ने कहा कि विश्व आज भी आतंकवाद हिंसा व कट्टरवाद की गंभीर समस्याओं से घिरा है। इन्हीं कारणों से अब भी हमें ऐसे दमनकारी शासक व असहिष्णु समाज पनपते दिख जाते हैं जो अपने ही लोगों का धार्मिक कट्टरवाद के नाम पर शोषण करते हैं।

By Pradeep ChauhanEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 08:28 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 08:28 PM (IST)
विश्व आज आतंकवाद, हिंसा व कट्टरवाद की गंभीर समस्याओं से घिरा है: डा इंद्रेश कुमार
विश्वग्राम, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच और राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। विश्वग्राम, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच और राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच संयुक्त रूप से एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन 11 दिसंबर को करेंगे। यह कार्यक्रम नई दिल्ली लोधी रोड स्थित इंडिया हैबिटेट सेण्टर के स्टेन ऑडिटोरियम में होगा। इसी के संदर्भ में सोमवार को प्रेस काफ्रेंस में जानकारी देते हुए डॉ. इंद्रेश कुमार ने कहा कि विश्व आज भी आतंकवाद, हिंसा, व कट्टरवाद की गंभीर समस्याओं से घिरा है। इन्हीं कारणों से अब भी हमें ऐसे दमनकारी शासक व असहिष्णु समाज पनपते दिख जाते हैं जो अपने ही लोगों का धार्मिक कट्टरवाद के नाम पर शोषण करते हैं।

अफ़ग़ानिस्तान में तालिवान ऐसी परिस्थितियों का नवीनतम उदाहरण बनकर उभरा है, जो वैश्विक आतंकवाद द्वारा हमारे अस्तित्व को दी जा रही भयावह चुनौती की एक अभिव्यक्ति है। इस चुनौती का सामना करने का एक उपाय यह है कि वैश्विक आतंकवाद के विरुद्ध आध्यात्मिक मूल्यों को हम अपना उपकरण बनाएं। भारत. जो कि अनेक धर्मों की भूमि है, जिसकी संस्कृति, सहिष्णु व समावेशी है, और जिसका समाज अपने अनेको त्योहारों को गर्व से मनाला है. इस सन्दर्भ में मार्गदर्शक बन सकता है।

अनेक संस्कृतियों को अपने मैं समेट लेने वाली भूमि के रूप में भारत की अवधारणा विश्व के लिए समावेशी समाज गढ़ने का एक उपयुक्त आदर्श बन सकती है। वाददाताओं से वार्तालाप करते हुए प्रो. गीता सिंह, जो सेण्टर फॉर प्रोफेशनल डेवलपमेंट इन हायर एजुकेशन की निर्देशक, विश्वग्राम की अध्यक्ष तथा इस सम्मलेन के संयोजक मंडल सदस्या है, ने कहा, "जब तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान पर कब्जा किया, तो वहाँ की आतंकित महिलाएं बुरकों की खरीद में जुट गई, यह भली-भाँती समझते हुए कि उन्हें और उनकी आकांक्षाओं को लिबान अपनी रूढ़िवादी जंजीरों में जकड़ने वाला है।

इस सम्मेलन का शीर्षक वैश्विक आतंकवाद बनाम मानवीयता, शांति एवं संभावनाएं कट्टरवाद एक विभाजन रेखा (समय किन्तु केन्द्रित विषय अफगानिस्तान) और उसके संरक्षक हैं। डॉ. इंदेश कुमार (राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ), आरिफ़ मोहम्मद खान (माननीय राज्यपाल, केरल), स्वामी चिदानंद सरस्वती (परमार्थ निकेतन), और दीवान सय्यद जैनुल आबेदीन अली खान (आध्यात्मिक प्रमुख, अजमेर शरीफ दरगाह)। इस सम्मेलन के संयोजक मंडल में प्रो. गीता सिंह, प्रो.आर.बी. सोलंकी, प्रो. अशीक सज्जनहार,  नागेंद्र चौधरी,  मोहम्मद अफजल, प्रो. शहीद अख्तर, प्रो. संजीव कुमार एच.एम. प्रो. एम. महताब आलम रिज़वी, प्रवेश खन्ना और विक्रमादित्य सिंह शामिल है।

प्रख्यात विश्वविद्यालय और शैक्षिणक संस्थान, जैसे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, जामिया हमदर्द, मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय, और केंद्रीय विश्वविद्यालय कश्मीर इस कार्यक्रम के साथ जुड़े हैं।

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