नाटक में दिखा अयोध्या की राजकुमारी श्रीरत्ना को कोरिया के राजा सु-रो से कैसे मिला था शादी का प्रस्ताव

भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद व कोरियन कल्चरल सेंटर इंडिया की ओर से बुधवार को कमानी सभागार में द लेजेंड आफ प्रिंसेस श्रीरत्ना पर आधारित संगीतमय नाटक का मंचन किया गया। नाटक भारतीय राजकुमारी श्रीरत्ना और कोरियाई राजा सु-रो की प्रेम कहानी पर आधारित है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 12:10 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 12:10 PM (IST)
नाटक में दिखा अयोध्या की राजकुमारी श्रीरत्ना को कोरिया के राजा सु-रो से कैसे मिला था शादी का प्रस्ताव
कमानी सभागार में कोरियाई राजा और भारतीय राजकुमारी रत्नाश्री की प्रेम कहानी पर आधारित नाटक के मंचन का एक दृश्य

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद व कोरियन कल्चरल सेंटर इंडिया की ओर से बुधवार को कमानी सभागार में द लेजेंड आफ प्रिंसेस श्रीरत्ना पर आधारित संगीतमय नाटक का मंचन किया गया। नाटक भारतीय राजकुमारी श्रीरत्ना और कोरियाई राजा सु-रो की प्रेम कहानी पर आधारित है। ढाई घंटे के नाटक में दिखाया गया कि कैसे अयोध्या की राजकुमारी श्रीरत्ना को कोरिया के राजा सु-रो से शादी का प्रस्ताव मिलता है। फिर राजकुमारी कोरिया की यात्रा करती हैं। नाटक में भारत और कोरिया के पारंपरिक पहलुओं को भी दर्शाया गया।

इस दौरान कोरिया के राजदूत चांग जे-बोक ने कहा कि इस संगीतमय नाटक मंचन ने भारतीय राजकुमारी और कोरियाई राजा की 2000 साल पुरानी प्रेम कहानी को फिर से ताजा कर दिया। उन्होंने बताया कि कोरिया के लोग भी अयोध्या की राजकुमारी और कोरियाई राजा के बीच वैवाहिक गठबंधन की विरासत का जश्न मनाते हैं। उन्होंने कहा कि मुङो यकीन है कि यह नाटक लोगों को दिखाएगा कि हम सदियों से एक-दूसरे से कैसे जुड़े हैं।

नाटक के निदेशक इमरान खान ने कहा कि मेरी पहली कोरिया यात्र 2004 में हुई थी। जब मैंने पहली बार राजा किम सुरो और राजकुमारी श्रीरत्ना की कथा के बारे में जाना। यह कहानी कोरिया में बहुत प्रसिद्ध है, लेकिन भारत में इसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। मुङो लगता है कि इससे भारत के लोगों को भी अवगत कराया जाना चाहिए।

उधर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के शिक्षक आजकल सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को बंद करने के लिए विशेष तरीके से जागरूकता अभियान चला रहे हैं। निगम पश्चिमी जोन के विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक आजकल बाजारों में जगह जगह नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को समझा रहे हैं कि सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करने के क्या क्या फायदे हैं। साथ ही यह भी बता रहे हैं कि आखिर सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल क्यों नहीं करना चाहिए।

अभी तक इस अभियान के तहत करीब एक दर्जन स्थानों पर नुक्कड़ नाटक का आयोजन हो हो चुका है। नुक्कड़ नाटक करने वालों के दल में 15 शिक्षक व शिक्षिकाएं शामिल हैं विद्यालय निरीक्षक प्रागीलाल व महेश चंद्रा ने बताया कि पश्चिमी क्षेत्र के उपायुक्त राहुल सिंह के मार्ग दर्शन व उपनिदेशक शिक्षा नीरा की देखरेख में ये नुक्कड़ नाटक आयोजित किये जा रहे हैं ।

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