राजधानी में भी कम नहीं है अवैध निर्माणों की संख्या, नंबर जानकर रह जाएंगे दंग, सील संपत्तियों का भी धड़ल्ले से हो रहा इस्तेमाल

दरअसल उत्तरी निगम ने एक अल्पकालिक प्रश्न के उत्तर में बताया है कि 2012 से लेकर 31 अगस्त तक अवैध निर्माण के मामले में 17 हजार 199 भवनों को अवैध निर्माण के चलते बुक (चिह्नित ) किया गया। इसमें से 8460 संपत्तियों में अवैध निर्माण को गिराया गया

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 11:51 AM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 11:51 AM (IST)
राजधानी में भी कम नहीं है अवैध निर्माणों की संख्या, नंबर जानकर रह जाएंगे दंग, सील संपत्तियों का भी धड़ल्ले से हो रहा इस्तेमाल
जिन्हें भवन विभाग ने नियमों के उल्लंघन में सील किया था। उनका धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है।

नई दिल्ली [निहाल सिंह]। राजधानी के रिहायशी इलाकों में अगर कोई मरम्मत भी शुरू करे तो निगम के अधिकारी हथौड़ा चलाने पहुंच जाते हैं, लेकिन ऊपर तक पहंच रखने वाले और बिल्डर माफिया के आगे निगम के अधिकारी असहाय महसूस करते हैं। यही वजह है कि अवैध निर्माण को लेकर जिन बड़ी व्यावसायिक संपत्तियों को निगम ने सील किया था, उनका धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि निगम ने खुद स्वीकार किया है।

उत्तरी निगम ने एक अल्पकालिक प्रश्न के उत्तर में बताया है कि 27 संपत्तियां ऐसी थीं, जिन्हें भवन विभाग ने नियमों के उल्लंघन में सील किया था। उनका धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है। इनमें भी केवल छह संपत्तियों को ही दोबारा सील किया गया है। दरअसल, उत्तरी निगम ने एक अल्पकालिक प्रश्न के उत्तर में बताया है कि 2012 से लेकर 31 अगस्त तक अवैध निर्माण के मामले में 17 हजार 199 भवनों को अवैध निर्माण के चलते बुक (चिह्नित ) किया गया। इसमें से 8,460 संपत्तियों में अवैध निर्माण को गिराया गया, जबकि 1,741 को सील किया गया। इसमें से निगम ने 136 संपत्तियों को डी-सील (सील खोलना) किया है, जबकि 1,605 संपत्तियां निगम रिकार्ड में अब भी सील हैं।

बाकी 27 संपत्तियों की सील तोड़ने के मामले सामने आए हैं। इसमें छह को फिर से सील कर दिया है। उल्लेखनीय है कि बीते दिनों करोलबाग के एनडी माल, एजीएम प्लाजा और भरत सदन का मामला प्रकाश में आया था। आरोप था कि इन संपत्तियों को निगम ने सील किया था। इसके बावजूद ये माल चल रहे थे। मामला प्रकाश में आने के बाद निगम ने यहां पर फिर से सीलिंग की कार्रवाई की थी, लेकिन यह हैरानी की बात है कि सीलिंग के बावजूद इतनी बड़ी संपत्तियों में व्यावसायिक गतिविधियां कैसे चल रही थीं।

जोन के अनुसार निगम की कार्रवाई का विवरण

जोन- भवन विभाग द्वारा चिह्नित अवैध निर्माण- गिराए गए अवैध निर्माण- सील भवन

सिटी सदर पहाड़गंज-5075-4548-1198

सिविल लाइंस-3115-1710-47

करोलबाग-1810-330-136

केशवपुरम-2460-910-84

नरेला-2113-342-113

रोहिणी-2626-576-163

नोट : सभी आंकड़े एक अप्रैल 2012 से लेकर 31 अगस्त 2021 तक के हैं।

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