Delhi Liquor Home Delivery: दिल्ली में शराब की होम डिलीवरी पर लग सकता है ग्रहण, HC पहुंचा मामला
भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रवेश वर्मा ने आबकारी नीति-2010 के नियमों के संशोधन को चुनौती दी है। उन्होंने मोबाइल ऐप व वेबसाइट के माध्यम से शराब की होम डिलीवरी की अनुमति से जुड़े नियम को रद करने की मांग की है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए आम आदमी पार्टी सरकार से पूछा है कि नई आबकारी नीति के तहत शराब की होम डिलीवरी के नियम को क्यों न रद किया जाए। दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल व न्यायमूर्ति अमित बंसल की पीठ ने इस पर आम आदमी पार्टी सरकार से जवाब मांगते हुए सुनवाई 24 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी है।
पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रवेश वर्मा (Pravesh Verma, Bharatiya Janata Party MP from West Delhi Lok Sabha seat) ने मोबाइल ऐप व वेबसाइट के माध्यम से शराब की होम डिलीवरी की अनुमति से जुड़े नियम को रद करने की मांग की है। उन्होंने आबकारी नीति-2010 के नियमों के संशोधन को चुनौती दी है। इस नियम के तहत लाइसेंस धारक शराब की डिलीवरी तभी करेगा जब मोबाइल ऐप या वेबसाइट के माध्यम से आदेश प्राप्त होगा। इतना ही नहीं, किसी भी छात्रवास में शराब की डिलीवरी नहीं की जाएगी। सांसद प्रवेश वर्मा के अधिवक्ता बालाजी श्रीनिवासन ने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य से ऊपर शराब के व्यापार को रखकर दिल्ली सरकार ने संविधान के विपरीत काम किया है।
गौरतलब है कि नई आबकारी नीति के तहत आम आदमी पार्टी सरकार ने कुल 32 जोन में से 20 जोन में शराब की खुदरा बिक्री के लिए निजी फर्मों को पहले ही चुन लिया है। इन 32 जोन में पूरे दिल्ली शहर को बांटा गया है। आबकारी विभाग द्वारा पिछले दिनों जारी एक आदेश में कहा गया कि दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति 2021-22 को मंजूरी दे दी है। इसके तहत नए खुदरा लाइसेंस 17 नवंबर से जारी होंगे। इस बीच आगामी एक अक्टूबर से समूची दिल्ली में सभी पुरानी दुकानें बंद कर दी जाएंगी। यह अलग बात है कि शराब कारोबारी दिल्ली सरकार के इस निर्णय का विरोध कर रहे हैं, इतना ही नहीं इसके खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की भी तैयारी चल रही है।