हाईकोर्ट ने नहीं दी धर्म के प्रचार में पद व प्रभाव का इस्तेमाल करने वाले IMA के अध्यक्ष को राहत, पढ़िए क्या है पूरा मामला

ईसाई धर्म के प्रचार में पद व प्रभाव का इस्तेमाल करने वाले आइएमए के अध्यक्ष डा. जेए जयालाल को हाई कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है। न्यायमूर्ति आशा मेनन की पीठ ने मामले को लेकर निचली अदालत के फैसले पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 01:30 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 01:30 PM (IST)
हाईकोर्ट ने नहीं दी धर्म के प्रचार में पद व प्रभाव का इस्तेमाल करने वाले IMA के अध्यक्ष को राहत, पढ़िए क्या है पूरा मामला
कोर्ट ने कहा था कि धर्म प्रचार में नहीं करें पद व प्रभाव का इस्तेमाल।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। ईसाई धर्म के प्रचार में पद व प्रभाव का इस्तेमाल करने वाले इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के अध्यक्ष डा. जेए जयालाल को दिल्ली हाई कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है। न्यायमूर्ति आशा मेनन की पीठ ने इस मामले को लेकर निचली अदालत के फैसले पर रोक लगाने और टिप्पणियों को हटाने से इन्कार कर दिया।

मालूम हो कि चार जून को निचली अदालत के दिए आदेश को आइएमए के अध्यक्ष डा. जयालाल ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि चार जून को निचली अदालत ने जिस शिकायतकर्ता की अर्जी पर फैसला सुनाया था, उसका पक्ष पक्ष सुने बिना अदालत कोई आदेश जारी नहीं करेगी। पीठ ने शिकायतकर्ता रोहित झा को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अगली सुनवाई बुधवार को होगी।

रोहित झा ने आइएमए अध्यक्ष के खिलाफ कोरोना के उपचार में आयुर्वेद की अपेक्षा एलोपैथी को बेहतर साबित करने की आड़ में ईसाई धर्म का प्रचार करने और हिंदूू धर्म के खिलाफ अपमानजनक अभियान चलाने का आरोप लगाया था। सुनवाई के दौरान निचली अदालत ने डा. जयालाल को नसीहत दी थी कि वह आइएमए जैसी संस्था को किसी धर्म के प्रचार के प्लेटफार्म के तौर पर इस्तेमाल न करें। अदालत ने कोई निर्देश देने की जरूरत नहीं समझी थी, क्योंकि डा. जयालाल ने आश्वासन दिया था कि वह भविष्य में ऐसी गतिविधियों में हिस्सा नहीं लेंगे।

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