पाक की नापाक ISI से भी जुड़ रहा देश में मतांतरण का खेल, आतंकी शिविरों में भेजे गए मूक बधिर, पढ़िए ताजा जानकारी

जांच एजेंसी के अधिकारियों ने आशंका व्यक्त की है कि मतांतरण के लिए आरोपितों ने मूक बधिर छात्रों को पैसा का भी लालच दिया है। झांसे में लेने के लिए उनके खातों में हर माह जरूरत से अधिक रुपये ट्रांसफर किए गए हैं।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 03:47 PM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 12:37 PM (IST)
पाक की नापाक ISI से भी जुड़ रहा देश में मतांतरण का खेल, आतंकी शिविरों में भेजे गए मूक बधिर, पढ़िए ताजा जानकारी
20 छात्रों के आतंकी शिविर में होने की आशंका है गिरफ्तार शिक्षक पिछले कई वर्षो से संपर्क में है।

दिल्ली/ नोएडा/ गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। नोएडा डेफ सोसायटी में पढ़ाई करने वाले मूक बधिर छात्र-छात्राओं का मतांतरण कराने के मामले में संदिग्ध पूर्व शिक्षक व दो कर्मचारियों की जांच एजेंसियों व पुलिस ने तलाश तेज कर दी है। पूर्व शिक्षक व कर्मचारियों के स्वजन से संपर्क साधा गया है। हालांकि पुलिस को कोई खास जानकारी नहीं मिली है। इसके अतिरिक्त उन मूक बधिर छात्र-छात्रओं के स्वजन से भी पुलिस ने संपर्क साधा है, जो यहां पढ़ाई कर चुके हैं। जांच में एक पूर्व शिक्षक की भूमिका संदिग्ध मिली है। बताया जा रहा है कि मामले में गिरफ्तार शिक्षक आरोपितों से पिछले कई वर्षो से संपर्क में है।

एटीएस सूत्रों के मुताबिक इस मामले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ का नाम सामने आने के बाद बड़ी साजिश की आशंका बढ़ गई है। मतांतरण का उद्देश्य एक धर्म विशेष के लोगों को जोड़कर उन्हें अपने मूल धर्म के खिलाफ हिंसात्मक कार्रवाई के लिए तैयार करना है। मतांतरण के बाद छात्रों को पड़ोसी देश में बने आतंकी शिविरों में भेजे जाने की जानकारी पर खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं।

नोएडा संवाददाता लोकेश चौहान के अनुसार एटीएस छात्रों-आरोपितों के बैंक खातों को खंगाल रही है। नोएडा डेफ सोसायटी के करीब 60 मूक-बधिर छात्रों का मतांतरण कराए जाने की बात अब तक सामने आ चुकी है। इनमें से 20 छात्रों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिलने से चिंता बढ़ गई है। आशंका है कि इन छात्रों को नेपाल और पाकिस्तान में विशेष प्रशिक्षण देने के लिए बनाए गए आतंकी शिविरों में भेजा गया है।

पता किया जा रहा है कि इन छात्रों को किस तरह और कब पड़ोसी देश में भेजा गया। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक मतांतरण करने वाले और कराने वाले लोगों के फोन काल रिकार्ड और इंटरनेट मीडिया पर बने अकाउंट की भी जांच की जा रही है। पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि आरोपित व उनसे जुड़े लोग कौन थे और किस प्रकार की गतिविधियों में लिप्त रहे हैं।

शिक्षक की ओर से मूक बधिर छात्र-छात्रओं को भावनात्मक रूप से जोड़कर उन्हें गिरोह के अन्य सदस्यों के पास ले जाया जाता था। सूत्रों के मुताबिक करीब 18 मूक छात्र-छात्रओं का मतांतरण कराया गया है, लेकिन एटीएस व पुलिस अबतक कानपुर और गुरुग्राम निवासी दो छात्र व दिल्ली निवासी एक छात्र की जानकारी जुटा पाई है।

पुलिस की निगरानी में नोएडा डेफ सोसायटी परिसर: पुलिस ने डेफ सोसायटी परिसर की निगरानी बढ़ा दी है। सुरक्षा के मद्देनजर परिसर के अंदर दो कांस्टेबल की ड्यूटी लगाई गई है। वर्तमान में यहां दो कर्मचारी ही रुके हुए हैं। सेक्टर-49 कोतवाली पुलिस की ओर से परिसर के बाहर भी कई पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है। एटीएस मामले में गिरफ्तार आरोपितों से अहम जानकारी जुटाने के लिए नोएडा डेफ सोसायटी परिसर में ला सकती है।

उधर नोएडा संवाददाता मोहम्मद बिलाल के अनुसार सेक्टर-117 स्थित नोएडा डेफ सोसायटी के मूक बधिर छात्र-छात्रओं के मतांतरण का मामला सामने आने के बाद एटीएस के साथ नोएडा पुलिस हर पहलू की जांच कर रही है। नोएडा डेफ सोसायटी और यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्रओं के बैंक खातों की डिटेल खंगाली जा रही है। साथ ही आरोपितों के खातों की भी जांच की जा रही है। वहीं नोएडा डेफ सोसायटी, यहां पढ़ने वाले मूक बधिर छात्र व आरोपितों के बैंक खातों की कड़ी को आपस में जोड़ा जा रहा है।

जांच में सोसायटी के दो बैंक खातों के बारे में पता चला है। दोनों बैंक खाते सेक्टर-49 कोतवाली क्षेत्र के सेक्टर-51 स्थित एक निजी बैंक में हैं। दोनों बैंक खाते सोसायटी के नाम से पंजीकृत मिले हैं, जिनमें प्रतिवर्ष लाखों रुपये का चंदा विभिन्न बहुराष्ट्रीय कंपनियों व स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से आया है। करीब 87 बहुराष्ट्रीय कंपनियां व स्वयंसेवी संस्था हैं, जिन्होंने वर्ष 2019-20 वित्त वर्ष के लिए करीब एक करोड़ 28 लाख रुपये का चंदा दिया था। संस्था को पिछले सात वर्षो करोड़ों रुपये का चंदा मिला है। पुलिस ने चंदा देने वालों से भी संपर्क साधा है। जरूरत के हिसाब से खर्च हुए रुपयों का भी आकलन किया जा रहा है।

इसके अतिरिक्त पुलिस ने उन छात्रों के दस्तावेज भी कब्जे में लिए है, जो यहां पढ़ाई करते हैं। वहीं मामले में गिरफ्तार आरोपितों के खातों की डिटेल लेकर अब सोसायटी व छात्रों के सभी खातों की चेन को आपस में जोड़ कर देखा जा है। जांच एजेंसी के अधिकारियों ने आशंका व्यक्त की है कि मतांतरण के लिए आरोपितों ने मूक बधिर छात्रों को पैसा का भी लालच दिया है। झांसे में लेने के लिए उनके खातों में हर माह जरूरत से अधिक रुपये ट्रांसफर किए गए हैं। बता दें कि सोसायटी की फाउंडर रोमा रोका है। संस्था के देशभर में करीब 22 मूक बधिर केंद्र हैं।

फाउंडर ने संस्थान में मतांतरण की बात से किया इन्कार

फाउंडर रोमा रोका ने बुधवार को एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि संस्थान में किसी भी छात्र का मतांतरण नहीं कराया गया है। संस्था का एटीएस द्वारा गिरफ्तार आरोपितों के साथ कोई संपर्क नहीं है। जिन छात्रों का मतांतरण हुआ है वह कुछ वर्ष पहले संस्थान में पढ़ाई कर चुके हैं। एक शिक्षक की गतिविधि संदिग्ध मिलने पर उसे हटा दिया गया था।

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