Hariyali Teej 2021 Date and Timing: करवा चौथ के व्रत से भी अधिक कठिन होता है हरियाली तीज पर्व का व्रत

Hariyali Teej 2021 Date and Timing हरियाली तीज के पर्व के मुताबिक इस पर्व के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति लंबी की उम्र के लिए व्रत रखती हैं। खास बात यह है कि महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।

By Jp YadavEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 12:59 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 07:58 AM (IST)
Hariyali Teej 2021 Date and Timing: करवा चौथ के व्रत से भी अधिक कठिन होता है हरियाली तीज पर्व का व्रत
Hariyali Teej 2021 Date and Timing: करवा चौथ के व्रत से भी अधिक कठिन होता हरियाली तीज पर्व का व्रत

नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। करवा चौथ की तरह हिंदू धर्म में हरियाली तीज त्योहार का विशेष महत्व है। दिल्ली-एनसीआर के साथ उत्तर भारत के कई राज्यों में करोड़ों महिलाओं द्वारा हर साल मनाए जाने वाले हरियाली तीज पर्व के व्रत को करवा चौथ के व्रत से भी कठिन माना जाता है। इस पर्व में महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं और अगले दिन व्रत तोड़ती हैं। इस वर्ष हरियाली तीज का त्योहार आगामी 11 अगस्त को मनाया जाएगा। हिंदू धर्म की मान्यता और हरियाली तीज के पर्व के मुताबिक, इस पर्व के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति लंबी की उम्र के लिए व्रत रखती हैं। खास बात यह है कि महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं यानी की सुहागिनें इस दिन पूरे व्रत के दौरान पानी तक नहीं पीती हैं। ऐसे में इसे करवा चौथ के व्रत से भी कठिन माना जाता है। व्रत रखने की कड़ी में इस रोज भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा होती है। यहां पर यह बता देना जरूरी है कि हिंदू धर्म में हरियाली तीज का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है और हर साल हरियाली तीज सावन महीना के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। 

हरियाली तीज 2021 का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के मुताबिक, व्रत सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को यानी 10 अगस्त की शाम 6 बजकर 11 मिनट से शुरू होगा और ये 11 अगस्त की शाम को 4 बजकर 56 मिनट पर खत्म होगा।  इस दौरान सुहागिनें अन्न और जल ग्रहण नहीं करती हैं।

यह भी जानें

हरियाली तीज रोज सुहागिनें हरी रंग की चूड़ियां और हरे रंग की कपड़े पहनने को प्राथमिकता देती हैं। इस दौरान महिलाएं सोलह श्रृंगार करने के साथ हाथों में मेहंदी लगाने का विशेष महत्व होता है। करवचौथ में भी महिलाएं मेहंदी लगवाती हैं। हरियाली तीज के मौके पर खासतौर से नवविवाहति युवती को ससुराल से मायके बुलाया जाता है। इस दौरान सुहागिन के ससुराल से मिठाई के साथ-साथ कपड़े और गहने आते हैं।

झूला भी झूलती हैं महिलाएं

हरियाली तीज त्योहार के मौके पर खासतौर से महिलाएं झुला झुलती हैं। इस दौरान सावन के गीत भी गाए जाते हैं। इस दौरान महिलाएं समूह में रहती हैं, लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के चलते इस बार भी महिलाएं पूर्व की तरह यह पर्व नहीं मनाएं तो बेहतर है। 

इसलिए मनाया जाता है पर्व

ऐसी मान्यता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। पार्वती का कठोर तप देखकर भोलेनाथ प्रसन्न हो गए। इसमें खास बात यह है कि हरियाली तीज के दिन ही माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। पुजारियों के मुताबिक, इस व्रत को करने से सुहागिन महिलाओं को अंखड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद मिलता है।

जानिये- हरियाली पूजा की विधि हरियाली तीज के रोज सुहागिनें उठकर सबसे पहले स्नान-ध्यान करती हैं। इस दौरान सुबह-सुबह महिलाएं अमूमन साफ और नए कपड़े पहनकर पूजा का संकल्प लेती हैं। पूजा स्थल के पास साफ-सफाई की जाती है और उसके बाद साफ मिट्टी से भगवान शिव और पार्वती की मूर्ति बनाई जाती है। पूजा स्थल पर लाल कपड़े के आसन पर बैठे। पूजा की थाली में सुहाग की सभी चीजों को रखकर विधि के साथ भगवान शिव और माता पार्वती को अर्पित करें।  पूजा के क्रम में तीज कथा और आरती की जाती है।

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