डॉक्टर ने बताया कि अगर आप हैं कोरोना संक्रमित तो अपनी डाइट में शामिल करें इस तरह की चीजें, होगा फायदा
अगर आप कोरोना संक्रमित हैं तो तरल पदार्थो का अधिक सेवन करें। इससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में तेजी से वृद्धि होगी और आपको ठीक होने में मदद मिलेगी। यह कहना है सर गंगाराम अस्पताल में डायटीशियन मेघा पुरी का।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। अगर आप कोरोना संक्रमित हैं तो तरल पदार्थो का अधिक सेवन करें। इससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में तेजी से वृद्धि होगी और आपको ठीक होने में मदद मिलेगी। यह कहना है सर गंगाराम अस्पताल में डायटीशियन मेघा पुरी का। मेघा कहती हैं कि कोरोना संक्रमित होने पर किसी भी चीज को खाने में कोई परहेज नहीं है, लेकिन तरल पदार्थ और प्रोटीन ज्यादा लेने से मरीज के लिए अधिक लाभकारी होता है। तरल पदार्थो में नारियल पानी, काढ़ा, जूस, सूप और नींबू पानी आदि लेना चाहिए। सुबह उठकर ग्रीन टी के साथ रात को पानी में भिगोए हुए बादाम और अखरोट लेने चाहिए। फिर दो घंटे बाद दूध के साथ पनीर खा सकते हैं।
अगर मांसाहारी हैं तो दूध की जगह चिकन सूप भी ले सकते हैं। फिर दो घंटे बाद फल खा सकते हैं। इसके बाद दोपहर के खाने में एक दाल और पनीर या सोयाबीन की सब्जी ले सकते हैं। साथ ही दही भी लेना चाहिए। दही समान्य तापमान का होना चाहिए। ठंडा न हो। वहीं दो रोटी और थोड़े से चावल लेने चाहिए। अगर मरीज को डायबिटीज है तो सब्जी वाली खिचड़ी भी खा सकते हैं। इसके बाद शाम को चार बजे काढ़ा और उसके साथ स्नैक्स ले सकते हैं। रात का खाना साढ़े सात से आठ बजे तक खा लेना चाहिए। अगर कफ हो तो रात के खाने में दही न लें। साथ ही फ्रिज में रखी हुई चीजें नहीं खानी चाहिए। फिर रात को नौ बजे हल्दी वाला दूध पीना चाहिए।
उधर एक बात ये भी सामने आई है कि कोरोना का डर हर किसी के मन में बैठ गया है। लोगों को संक्रमित होने का भय सता रहा है। यहां तक कि बहुतों को तो स्वप्न में भी कोरोना के दुष्प्रभाव तनाव दे रहे हैं। अनगिनत लोगों के मन में यह सवाल भी चल रहा है कि क्या कभी मौजूदा हालात सामान्य भी हो पाएंगे या नहीं। या फिर एक के बाद एक कोरोना की लहर आती रहेगी। लोगों के मन से इसी भय को निकालने तथा उन्हें मनोविकार से बचाने के लिए राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (एनबीटी) ने कोरोना हेल्पलाइन शुरू की है। हेल्पलाइन एक हफ्ते पूर्व शुरू की गई है।
इस पर लोग अपने सवाल पूछ रहे हैं, जिसका जवाब विशेषज्ञों द्वारा दिया जा रहा है। एक हेल्पलाइन नंबर पर लोग अपनी चिकित्सकीय समस्याओं का समाधान प्राप्त कर रहे हैं, जबकि दूसरे पर अपने मन में चल रही हर प्रकार की उलझन का निदान पा रहे हैं। एनबीटी का कहना है कि इस महामारी और लाकडाउन के दौरान लोगों को मानसिक स्तर पर विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ा है। हालांकि भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा रहे परिवार, आपसी भाईचारा, घरेलू खेल जैसे कारकों से लोगों को काफी संबल मिला है। फिर भी सुझाव सामने आया है कि स्थानीय स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक एक ऐसा अभियान चलाया जाए जिससे कि मानसिक स्तर पर भी लोगों की इम्यूनिटी को बेहतर बनाया जा सके।