देश के मशहूर पटकथा लेखक और गीतकार जावेद अख्तर ने बताईं गजलों को गढ़ने की बारीकियां बताईं

स्पिक मैके की अनुभव शृंखला के चौथे दिन राजधानी दिल्ली में बृहस्पतिवार को गीतकार जावेद अख्तर और अभिनेत्री शबाना आजमी का संवादात्मक सत्र हुआ। इस दौरान प्रतिभागियों ने वचरुअल माध्यम से जावेद की कविताओं का खूब आनंद लिया।

By Jp YadavEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 09:52 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 09:52 AM (IST)
देश के मशहूर पटकथा लेखक और गीतकार जावेद अख्तर ने बताईं गजलों को गढ़ने की बारीकियां बताईं
देश के मशहूर पटकथा लेखक और गीतकार जावेद अख्तर ने बताईं गजलों को गढ़ने की बारीकियां बताईं

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। स्पिक मैके की अनुभव शृंखला के चौथे दिन बृहस्पतिवार को गीतकार जावेद अख्तर और अभिनेत्री शबाना आजमी का संवादात्मक सत्र हुआ। इस दौरान प्रतिभागियों ने वचरुअल माध्यम से जावेद की कविताओं का खूब आनंद लिया।

वहीं प्रश्नोत्तर सत्र में जावेद और शबाना ने प्रतिभागियों से साहित्य, कला व फिल्म की दुनिया में अपनी यात्र के विभिन्न पहलुओं को साझा किया। जावेद ने उर्दू, हंिदूी और फारसी क्षेत्रों के ऐतिहासिक साहित्य के साथ लिपि, भाषा और इसके बीच के संबंध पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने गजलों की सुंदरता, बारीकियों और उन्हें लिखने की कला को श्रोताओं से साझा करते हुए उन्हें भी गजल लिखने के लिए प्रेरित किया।

कार्यक्रम में प्रतिभागियों के लिए संगीत, नृत्य और कला की 16 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। प्रतिभागियों के लिए स्पिक मैके के संस्थापक डा. किरण सेठ ने योग निद्रा सत्र का आयोजन किया। डा. सेठ ने छात्रों को आराम की योग मुद्रा में लेटने, आराम करने, अपनी इंद्रियों पर ध्यान केंद्रित करने, मन को शांत करने और अपनी अंतध्र्वनि को सुनने के लिए प्रेरित किया।

प्रो. जयचंद्रन ने लोक कला पर व्याख्यान दिया। कर्नाटक की गायिका एस सौम्या ने विभिन्न पारंपरिक रचनाओं की प्रस्तुति से प्रतिभागियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। रुद्रवीणा वादक उस्ताद बहाउद्दीन डागर ने लाइव संगीत कार्यक्रम की प्रस्तुति दी।

यहां पर बता दें कि वर्ष 1976 में न्यूयॉर्क की ब्रुकलिन अकैडमी ऑफ म्यूजिक के कॉन्सर्ट में किरन सेठ ने पाया भारत में भी हर परंपरागत चीज को बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है। भारत लौटने पर वो आइआइटी दिल्ली में पढ़ाई के साथ-साथ रिसर्च भी करने लगे। किरन सेठ मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर थे। दिल्ली आइआइटी में किरन को उनके ही मिजाज के लड़के मिले और Spic Macay की शुरुआत हुई। Spic Macay का पूरा नाम Society for the Promotion of Indian Classical Music And Culture Amongst Youth है।

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