खाने का स्टाल हटवाने से शुरू हुआ विवाद हत्या पर आकर हुआ खत्म, पढ़िए दिल्ली में हुए इस मर्डर की पूरी कहानी
मुनीफ व नईम से दानिश की दुश्मनी साल 2020 में सड़क के किनारे लगे एक खाने के स्टाल को हटवाने से शुरू हुई थी। वह स्टाल मुनीफ का था। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुनीफ का सदर बाजार इलाके में एक खाने का स्टाल था।
नई दिल्ली, [धनंजय मिश्रा]। मुनीफ व नईम से दानिश की दुश्मनी साल 2020 में सड़क के किनारे लगे एक खाने के स्टाल को हटवाने से शुरू हुई थी। वह स्टाल मुनीफ का था। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मुनीफ का सदर बाजार इलाके में एक खाने का स्टाल था। जिसे दानिश ने नगर निगम में शिकायत कर हटवा दिया था। इससे मुनीफ की दानिश से विवाद हो गया था। दानिश बाड़ा हिंदूराव इलाके के आहत किदार में एक भवन का निर्माण करावा रहा था। जो अवैध था। इस भवन को मुनीफ ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी और हाई कोर्ट में शिकायत देकर तुड़वा दिया था। इससे दानिश को करीब दो करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
इस नुकसान के लिए दानिश नईम व मुनीफ को जिम्मेदार मानता था। चूंकि दानिश व पीडि़त दोनों एक ही इलाके में रहते थे। ऐसे में उनमें लगातार किसी न किसी बात को लेकर झगड़ा होता रहता था। दोनों पक्षों की तरफ से नगर निगम, पुलिस आदि में शिकायत दी जा रही थी। इसके साथ दानिश ने कई बार मुनीफ को जान से मारने की धमकी भी दी थी। गत पांच जुलाई को मुनीफ ने दिल्ली पुलिस के विजिलेंस विभाग में इसको लेकर शिकायत भी दी थी।
गैंगस्टर को दी थी सुपारी
दानिश ने मुनीफ व नईम को मारने के लिए हाल ही में तिहाड़ जेल से छूट कर आया गैंगस्टर रवि शर्मा को पांच लाख रुपये की सुपारी दी थी। दानिश ने बदमाशों से कहा था कि पहले दोनों को समझाना नहीं समझे तो गोली मार देना। ऐसे में बदमाश रवि शर्मा, राहुल व हिमांशु और मेहताब नईम के अस्पताल पहुंचे थे। वहां से कुछ दूरी पर दानिश व उसके कुछ रिश्तेदार कार में मौजूद थे। दानिश दिल्ली विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुका है।
दूसरे मृतक की अभी भी नहीं हो सकी है पहचान
वारदात के चार दिन बीत जाने के बाद भी दूसरे मृतक की अभी तक पहचान नहीं हो सकी है।