IIT-दिल्ली के छात्रों-प्रोफेसरों का कमाल, भारतीय बाजार में आएगा सबसे सस्ता स्टेंट

मेकैनिकल इंजीनियरिंग के प्रो. नरेश भटनागर और कई प्रोफेसर छात्रों के साथ इस प्रोडक्ट को तैयार कर रहे हैं। ऐसा स्टेंट बाजार में लाने पर काम हो रहा है जो बाद में खून में घुल जाएगा।

By JP YadavEdited By: Publish:Sat, 21 Sep 2019 06:14 PM (IST) Updated:Sun, 22 Sep 2019 05:46 PM (IST)
IIT-दिल्ली के छात्रों-प्रोफेसरों का कमाल, भारतीय बाजार में आएगा सबसे सस्ता स्टेंट
IIT-दिल्ली के छात्रों-प्रोफेसरों का कमाल, भारतीय बाजार में आएगा सबसे सस्ता स्टेंट

नई दिल्ली [राहुल मानव]। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (Indian Institute of Technology Delhi) में शनिवार को 'तीसरा उद्योग दिवस' का आयोजन किया गया। इसमें छात्रों के कई इनोवेशन से जुड़े प्रोडक्ट ने उद्योग का ध्यान अपनी और खींचा। इसमें 150 कंपनी के प्रतिनिधि भी इसमें शमिल हुए और कई शानदार प्रोजेक्ट ने लोगों का ध्यान अपनी और आकर्षित किया। यहां के छात्र और प्रोफेसर ऐसा स्टेंट बना रहे हैं, जो भारत में सबसे सस्ता होगा।

खून में घुल जाएगा स्टेंट

आइआइटी दिल्ली के छात्र एवं प्रोफेसर एक ऐसे स्टेंट पर काम कर रहे हैं, जो दिल की धमनियों में घुल जाएगा। बाजार में अभी ऐसे मेटल के स्टेंट दिल की धमनियों में तब डाले जाते हैं, जब रक्त का प्रभाव धमनियों में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण कम हो जाता है। इस संस्थान के प्रोफेसर एवं छात्र ऐसे स्टेंट तैयार कर रहे हैं, जो 6 महीने से एक साल के अंदर दिल की धमनी में डालने के बाद घुल जाएगा।

10 साल से चल रहा काम

संस्थान के मेकैनिकल इंजीनियरिंग के प्रो. नरेश भटनागर और कई प्रोफेसर मिलकर छात्रों के साथ इस प्रोडक्ट को तैयार कर रहे हैं। इस प्रोडक्ट पर काम कर रहे मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र मोहित अग्रवाल ने बताया कि हम पॉलीमर स्टेंट बना रहे हैं और इसे इंडियन स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन के मानदंडों के तहत तैयार किया जा रहा है। आमतौर पर मेटल के स्टेंट दिल की धमनी में दालने के बाद 6 महीने के अंदर अपना काम पूरा कर देते हैं, लेकिन यह मेटल के स्टेंट जिंदगी भर शरीर में रहते हैं। ऐसे में ऐसा स्टेंट बाजार में लाने पर काम किया जा रहा है, जो अपना काम पूरा करने के बाद खून में घुल जाएगा। उन्होंने बताया कि इस प्रोडक्ट पर 10 साल से काम चल रहा है।

चूहों पर आए अच्छे नतीजे

हाल ही में इसकी चूहों में टेस्टिंग की गई है, जिसके नतीजे अच्छे आए हैं। अब इन्हें बड़े जानवरों में भी इस्तेमाल करेंगे। बाजार में अभी जो स्टेंट मिल रहे हैं उनकी कीमत 30,000 से डेढ़ लाख रुपये तक है। हम कोशिश कर रहे हैं कि हमारा स्टेंट कम कीमत पर बाजार में उतारा जाए।

यहां जानिए- क्या बला है स्टेंट

यहां पर बता दें कि स्टेंट छोटे एक्सपेंडेबल ट्यूब होते हैं, जो शरीर में संकुचित या कमजोर धमनियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। स्टेंट का इस्तेमाल कोरोनरी आर्टरी डिसीज (CAD) वाले मरीजों में संकुचित धमनियों को खोलने के लिए किया जाता है। इससे छाती के दर्द (एंजिना) जैसे लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है या हार्ट अटैक का इलाज करने में मदद मिलती है। इस तरह के स्टेंट को आमतौर पर हार्ट स्टेंट कहा जाता है, लेकिन इन्हें कार्डियक या कोरोनरी स्टेंट भी कहते हैं।

आमतौर पर धातु की जाली से बने, हार्ट स्टेंट को परक्यूटेनियस कोरोनरी इंटरवेंशन (PCI) नाम की प्रक्रिया के जरिए संकीर्ण कोरोनरी धमनियों में लगाया जाता है। स्टेंट धमनी को फिर से अवरुद्ध (ब्लॉक) होने से रोकने में मदद करते हैं।

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