मेट्रो स्टेशन के प्लेटफार्म पर बंदरों का आतंक, यात्री वीडियो बना कर DMRC से कर रहे शिकायत

मेट्रो स्टेशनों पर बंदरों का आंतक बढ़ रहा है। यात्री लगातार इसका वीडियो बना कर इसकी शिकायत डीएमआरसी से कर रहे हैं।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Mon, 16 Sep 2019 09:50 AM (IST) Updated:Mon, 16 Sep 2019 09:50 AM (IST)
मेट्रो स्टेशन के प्लेटफार्म पर बंदरों का आतंक, यात्री वीडियो बना कर DMRC से कर रहे शिकायत
मेट्रो स्टेशन के प्लेटफार्म पर बंदरों का आतंक, यात्री वीडियो बना कर DMRC से कर रहे शिकायत

नई दिल्ली, जेएनएन। मेट्रो स्टेशनों पर बंदरों का आंतक भी बढ़ रहा है। रविवार को पिंक लाइन के आनंद विहार मेट्रो स्टेशन के प्लेटफार्म पर भी दो बंदरों ने पहुंचकर एक यात्री का बैग झपट लिया। इस वजह से प्लेटफार्म पर मौजूद यात्री सहम गए। यात्रियों ने सोशल नेटवर्क पर इस घटना का वीडियो पोस्ट कर दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) से शिकायत की है। डीएमआरसी का कहना है कि शिकायत मिलने पर तुरंत बंदरों को स्टेशन से भगाया गया।

यह नहीं है पहली घटना

हालांकि, मेट्रो स्टेशन पर बंदरों के प्रवेश की यह पहली घटना नहीं है। इस तरह की घटनाएं पहले भी कई बार हो चुकी हैं। ज्यादातर एलिवेटेड स्टेशनों पर ऐसे मामले देखे गए हैं। कुछ माह पहले पिंक लाइन के ही आजादपुर मेट्रो स्टेशन पर बंदर पहुंच गए थे। जबकि यह स्टेशन भूमिगत है। इसके अलावा मेट्रो कोच के अंदर भी बंदर के पहुंचने का वीडियो वायरल हो चुका है। तारा पोखरियाल व राहुल नामक यात्रियों ने पिंक लाइन के स्टेशन पर बंदरों के पहुंचने की शिकायत की। तारा ने अपने पोस्ट में कहा कि मेट्रो स्टेशनों पर बंदरों के पहुंचने की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए।

आनंद विहार मेट्रो स्‍टेशन है काफी व्‍यस्‍त मेट्रो स्‍टेशन

बहरहाल, आनंद विहार दिल्ली मेट्रो के व्यस्त स्टेशनों में से एक है। यह ब्लू लाइन के साथ इंटरचेंज स्टेशन है। साथ ही यह आनंद विहार रेलवे स्टेशन को भी मेट्रो नेटवर्क से जोड़ता है। इसलिए इस स्टेशन पर काफी संख्या में यात्रियों की आवाजाही होती है। राहुल ने अपने पोस्ट में कहा कि वह प्रतिदिन इस स्टेशन से मेट्रो में यात्रा करते हैं। उन्होंने पहले भी बंदरों को इस स्टेशन पर लोगों के बैग झपटते देखा है। उन्होंने कहा कि यह यात्रियों के लिए सुरक्षित नहीं है। इस बाबत डीएमआरसी का कहना है कि जो स्टेशन खुली जगह पर हैं, वहां कई बार ऐसे मामले होते हैं। शिकायत मिलने पर तुरंत वन विभाग के अधिकारियों को सूचित किया जाता है।

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