ऑनलाइन पैथ लैब नियंत्रित करने को लेकर उठाएं कदम, नहीं होगी अवमानना की कार्रवाई : हाई कोर्ट

राजधानी दिल्ली में अवैध तरीके से संचालित हो रहे ऑनलाइन पैथोलॉजी लैब को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को आड़े हाथ लिया। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति नज्मी वजीरी की पीठ ने दो टूक कहा कि अवमानना की कार्रवाई के लिए तैयार रहें।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Fri, 05 Mar 2021 03:35 PM (IST) Updated:Fri, 05 Mar 2021 03:43 PM (IST)
ऑनलाइन पैथ लैब नियंत्रित करने को लेकर उठाएं कदम, नहीं होगी अवमानना की कार्रवाई : हाई कोर्ट
एक जनहित याचिका पर हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को दी सख्त चेतावनी।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में अवैध तरीके से संचालित हो रहे ऑनलाइन पैथोलॉजी लैब को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को आड़े हाथ लिया। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति नज्मी वजीरी की पीठ ने दो टूक कहा कि या तो ऑनलाइन पैथ लैब को नियंत्रित करने को लेकर न्यायिक आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करें या फिर अवमानना की कार्रवाई के लिए तैयार रहें।

पीठ ने सुनवाई के दौरान अहम सवाल उठाते हुए पूछा कि प्रक्रिया में कुछ तो मौलिक रूप से गलत है। पीठ ने यह भी पूछा कि क्या सरकारी की सभी लैब नेशनल एक्रिडेशन बोर्ड फार टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लैब्रोटरीज (एनएबीएल) से मान्यता प्राप्त है या नहीं। पीठ ने कहा कि यह एक मौलिक सवाल है। 

अधिवक्ता शशांक देव सुधी के माध्यम से याचिकाकर्ता रोहित जैन ने याचिका दायर कर कहा कि बिना मान्यता के लिए ऑनलाइन पैथ लैब चल रही है और कोविड-19 की जांच कर रही हैं। उन्होंने इस संबंध में दिल्ली हाई कोर्ट के छह अगस्त 2020 के आदेश का अनुपालन नहीं करने का याचिका में आरोप लगाते हुए यह जानकारी मांगी है कि क्या पैथ लैब और अस्पताल एनएबीएल से मान्यता प्राप्त हैं या नहीं। 

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए स्टैंडिंग काउंसल संजय घोष ने पीठ काे बताया कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन करने के संबंध में सभी लैब को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने आठ अप्रैल 2020 को कोविड-19 की जांच एनएबीएल द्वारा मान्यता प्राप्त पैथ लैब या फिर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) या भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) से स्वीकृत एजेंसी द्वारा ही किया जाना चाहिए। पीठ ने सुनवाई के बाद दिल्ली सरकार के अधिवक्ता को इस बाबत निर्देश लेने का समय देते हुए सुनवाई 12 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी। 

वहीं, सुनवाई के दौरान अधिवक्ता शशांक देव सुधी ने कहा कि न तो पैथ लैब एनएबीएल से मान्यता प्राप्त हैं और न ही आइसीएमआर से स्वीकृत ही हैं। राेहित जैन ने न्यायिक आदेशों का अनुपालन नहीं करने के लिए दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव, परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय के सचिव, स्वास्थ्य सेवा के महानिदेशक और आइसीएमआर के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने की मांग की है।

याचिका में दावा किया गया है कि हेल्थीयन और वन-एमजी जैसे ऑनलाइन पैथ लैब दिल्ली में अवैध तरीके से संचालित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह लैब लोगों की जिंदगी से खेल रहे हैं और इसे प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार न्यायिक आदेशों का अनुपालन करने में नाकाम रही है। 

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