Tokyo Olympics 2020: बेटी की जीत से गदगद हुईं मां, बोलीं- जीत व हार के बीच सामंजस्य बनाना जानती है मनिका
मनिका के स्वजन अशोक बत्रा ने बताया कि पहली प्रतियोगिता के बाद नारायणा के निवासी काफी मायूस हो गए थे पर मनिका ने हिम्मत नहीं हारी और एकल प्रतियोगिता में जिस तरह ब्रिटेन की खिलाड़ी को हराया वह वाकई सराहनीय है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। मिक्स्ड डबल में शनिवार सुबह मिली हार के बाद निराश हुए नारायणा वासियों के लिए दोपहर तक खुशखबरी आ गई। टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा के टोक्यो ओलिंपिक खेलों के एकल वर्ग के दूसरे दौर में प्रवेश करते ही लोगों के चेहरे पर खुशी झलकने लगी। लोगों ने कहा कि सुबह मिक्स्ड डबल्स में हार का सामना करने के बाद जिस हौसले व सकारात्मकता का मनिका ने एकल वर्ग में परिचय दिया वह सराहनीय है।
उधर, मनिका की मां सुषमा बत्रा ने बताया कि मेरी ईश्वर से यही मनोकामना है कि मनिका भारत के लिए स्वर्ण पदक लेकर लौटे। मेरी बेटी मानसिक रूप से काफी मजबूत है। जीत व हार के बीच सामंजस्य बिठाना वह भलीभांति जानती है। ओलिंपिक में उसका शामिल होना ही हमारे लिए गौरव की बात है। मुझे पूर्ण यकीन है कि मनिका का सफर देश के लिए खुशखबरी लाएगा।
वहीं, नारायणा विहार निवासी संजीव अरोड़ा ने बताया कि मनिका से नारायणा विहार के लोगों को ही नहीं बल्कि पूरे देश को काफी उम्मीद है। मीराबाई चानू ने जिस तरह रजत पदक हासिल कर देश का मान बढ़ाया है, ठीक उसी प्रकार मनिका भी भारत का झंडा बुलंद करके लौटेगी, इसकी पूर्ण उम्मीद है। ओलिंपिक में जाने के लिए उसने दिन-रात मेहनत की है और मुझे पूरा यकीन है कि उसकी मेहनत जाया नहीं जाएगी।
मनिका के स्वजन अशोक बत्रा ने बताया कि पहली प्रतियोगिता के बाद नारायणा के निवासी काफी मायूस हो गए थे, पर मनिका ने हिम्मत नहीं हारी और एकल प्रतियोगिता में जिस तरह ब्रिटेन की खिलाड़ी को हराया, वह वाकई सराहनीय है। मनिका ने जिस सूझबूझ का परिचय दिया है वह उसे अपने अनुभवों से प्राप्त हुआ है।