Swatantrata Ke Sarthi: छात्राओं में जगाई अभिव्यक्ति की ज्योति
अनीता ने बताया कि पिछले वर्ष से दिल्ली सरकार द्वारा आरंभ किए गए हैप्पीनेस करिकुलम पीटीएम द्वारा भी उन्होंने प्रयास किया कि हर छात्र खुद को खुलकर अभिव्यक्त करे।
नई दिल्ली [रितु राणा]। अभिव्यक्ति का अर्थ अपने व्यक्तित्व को प्रदर्शित करना व अपने विचारों को अभिव्यक्त करना है। संविधान में भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी गई है। इसी में ही राष्ट्र की प्रगति व समाज का भविष्य निहित है। इस बात को मंडावली स्थित सवरेदय कन्या विद्यालय नंबर-1 की विद्यालय प्रमुख अनीता जयंत ने सिद्ध कर दिखाया है।
शिक्षा से जिज्ञासा के भाव उत्पन्न हुए
उनका मानना है कि किसी भी व्यक्ति में अगर जिज्ञासा न हो तो वह खुद को अभिव्यक्त भी नहीं कर सकता, इसलिए उन्होंने अपने स्कूल की छात्रओं को ऐसी शिक्षा दी जिससे उनके अंदर जिज्ञासा के भाव तो उत्पन्न हुए ही साथ ही आत्मविश्वास की लहर भी जागी। आज स्कूल की हर एक छात्र उनसे व अन्य शिक्षकों से बिना डरे, बिना झिझक हर समस्या को अभिव्यक्त करती हैं।
अधिकारों के प्रति जागरूक किया
मंडावली स्थित सर्वोदय कन्या विद्यालय की प्रधानाचार्या अनीता जयंत छात्रओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक कर उनमें आत्मविश्वास पैदा कर रही हैं। लॉकडाउन से पूर्व हर रोज प्रार्थना सभा में छात्रओं को रोचक तरीके से नैतिक मूल्यों की शिक्षा देने के साथ उन्होंने छात्रओं को अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया। अनीता को इस स्कूल में विद्यालय प्रमुख का कार्यभार संभाले करीब दो वर्ष हो गए और जब से वह आई हैं, उन्होंने छात्रओं के हक में कार्य किया है। वह बताती हैं कि जो छात्रएं पहली कक्षा में बोलने से हिचकती थीं, वह आज अपनी समस्या लेकर सीधे उनके पास आती हैं।
पैदा किया आत्मविश्वास
वहीं, प्रार्थना सभा में हर दिन अलग-अलग छात्र को बुलाकर किसी भी विषय पर उन्हें उनके विचार अभिव्यक्त करने की पूरी आजादी दी जाती है, जिससे उनमें आत्मविश्वास पैदा हुआ है। स्कूल का वार्षिकोत्सव हो या अन्य कोई कार्यक्रम मंच का संचालन भी छात्रओं से कराया जाता है। लॉकडाउन के बाद से यह सिलसिला थम गया है बावजूद इसके वीडियो कान्फेंसिंग के माध्यम से अनीता व विद्यालय के अन्य शिक्षक छात्रओं से जुड़ रहे हैं और पढ़ाई के साथ उनकी समस्याओं पर भी संवाद करते हैं।
हर कोई बने मजबूत
अनीता ने बताया कि पिछले वर्ष से दिल्ली सरकार द्वारा आरंभ किए गए हैप्पीनेस करिकुलम, पीटीएम द्वारा भी उन्होंने प्रयास किया कि हर छात्र खुद को खुलकर अभिव्यक्त करे। वह हिंसा, शोषण, लालच, छल, कपट आदि बुराइयों का सामना करते हुए इनके खिलाफ आवाज बुलंद करें। छात्रओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया ताकि उन्हें किसी के आगे झुकना न पड़े और अपनी बात कहने का मौका मिले।
अनीता ने बताया इस वर्ष 12वीं कक्षा पास करके जो छात्रएं उनके स्कूल से गईं, उन सभी से पूछा गया कि वह अब आगे क्या करेंगी तो उनका जवाब आया कि अब हमारे अंदर इतना आत्मविश्वास आ गया है कि अगर नौकरी न भी मिले तो हम खुद का भी कोई काम शुरु कर सकते हैं। सकारात्मक सोच के साथ छात्रओं में खुद को समाज के सामने अभिव्यक्त करने का साहस पैदा हुआ है।