स्वच्छ सर्वेक्षण 2021: एक कदम और आगे बढ़कर करना होगा काम, तभी मिलेंगे नतीजे
जहां तक बात सर्वेक्षण की है तो इसमें किन कार्यों को कहां बेहतर किया जा रहा है उससे एक कदम और आगे बढ़कर करना होगा। जिन बिंदुओं को मानक के रूप में लिया गया है उसमें कहां कितने अंक हैं और हम कहां पिछड़ रहे हैं
नई दिल्ली/ नोएडा [लोकेश चौहान]। हम हमेशा ही सरकारी विभाग व अधिकारियों के भरोसे सब कुछ हासिल करना चाहते हैं। लेकिन व्यवस्थाओं को बेहतर करने के लिए जनभागीदारी जरूरी होती है। स्वच्छता सर्वेक्षण एक व्यवस्था है, लेकिन स्वच्छता फैलाना और स्वच्छ रहना, यह लोगों की आदत में शामिल होना चाहिए। जहां तक बात सर्वेक्षण की है तो इसमें किन कार्यों को कहां बेहतर किया जा रहा है, उससे एक कदम और आगे बढ़कर करना होगा। जिन बिंदुओं को मानक के रूप में लिया गया है, उसमें कहां कितने अंक हैं और हम कहां पिछड़ रहे हैं, इसका ईमानदारी से आकलन करते हुए भविष्य के अनुरूप योजना बनाकर उस पर काम करना होगा।
किसी भी शहर की स्वच्छता वहां की सड़क और सड़कों के किनारों को देखकर आसानी से पता लगाई जा सकती है। सबसे पहले चरण में सालिड वेस्ट का कलेक्शन, ट्रांसपोर्टेशन, सेग्रीगेशन और डिस्पोजल किस विधि से किया जा रहा है, यह सबसे जरूरी है। इसे किस तरह से और प्रभावी किया जाए, इस पर लगातार कार्य करने की जरूरत है। नई तकनीक के प्रयोग के साथ आगे बढ़ा जाए। इसके लिए डोर टू डोर कलेक्शन को और प्रभावी करना होगा। कूड़े का उठान और उसका निस्तारण विज्ञानी विधि से ही होना चाहिए। इन सबके बीच सबसे महत्वपूर्ण मसला कूड़े को पृथक किए जाने का है। यह सबसे अधिक महत्व रखता है कि हम कूड़े को निस्तारित करने से पहले उसमें किन चीजों को किस विधि से अलग कर रहे हैं।
इसी तरह कूड़े के कलेक्शन के लिए जो कर्मचारी जा रहे हैं, वे कितने जागरूक हैं और लोगों को किस तरह से गीला और सूखा कूड़ा अलग करने के लिए जागरूक और प्रेरित कर रहे हैं। इसके बाद नंबर आता है सड़कों की सफाई का। एक बार किसी भी सड़क को पूरी तरह से साफ करने के बाद उस पर फिर से गंदगी कहां से आ रही है, उस स्त्रोत का पता करने के साथ गंदगी के कारक को खत्म करने की जरूरत है जिससे स्वच्छता और बेहतर दिखाई दे।