पहले भी सरकारी एजेंसियों को गुमराह कर चुका है उपहार सिनेमा कांड का दोषी सुशील, इस मामले में सच आया सामने

दिल्ली पुलिस ने उपहार सिनेमा अग्नि कांड के दोषी सुशील अंसल के खिलाफ पटियाला हाउस की एक अदालत में आरोपपत्र दायर किया है। इसमें कहा गया है कि सुशील अंसल ने 2013 में अपना पासपोर्ट बनवाने के लिए झूठा शपथपत्र सरकारी एजेंसियों को गुमराह किया था।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 02:53 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 12:22 PM (IST)
पहले भी सरकारी एजेंसियों को गुमराह कर चुका है उपहार सिनेमा कांड का दोषी सुशील, इस मामले में सच आया सामने
तत्काल की प्रक्रिया में आवेदन कर्ता को एक शपथपत्र देना पड़ता है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली पुलिस ने उपहार सिनेमा अग्नि कांड के दोषी सुशील अंसल के खिलाफ पटियाला हाउस की एक अदालत में आरोपपत्र दायर किया है। इसमें कहा गया है कि सुशील अंसल ने 2013 में अपना पासपोर्ट बनवाने के लिए झूठा शपथपत्र सरकारी एजेंसियों को गुमराह किया था। अंसल ने तत्काल में पासपोर्ट का आवेदन किया था। तत्काल की प्रक्रिया में आवेदन कर्ता को एक शपथपत्र देना पड़ता है।

इसमें सत्यापन किया जाता है कि आवेदनकर्ता के खिलाफ किसी तरह का कोई केस दर्ज नहीं है और न ही उसे किसी अदालत से सजा मिली है। इस शपथपत्र में अंसल ने खुद के लिए चल रहे केस की जानकारी छिपाई थी और झूठा सत्यापन कर पासपोर्ट हासिल कर लिया था। पुलिस ने अदालत को बताया कि इस मामले में जल्द ही एक पूरक आरोपपत्र भी दाखिल किया जाएगा। इसके चलते अदालत ने मामले की सुनवाई 31 जनवरी 2022 के लिए टाल दी है।

उपहार सिनेमा अग्निकांड मामले में तीन सदस्यीय बेंच ने 9 फरवरी 2017 को 2:1 से फैसला सुनाया था। इस फैसले के तहत 78 साल के सुशील अंसल को उम्र संबंधी परेशानी को देखते हुए उतनी ही सजा सुनाई गई थी, जितनी वे जेल में काट चुके थे। सुशील के छोटे भाई गोपाल अंसल को बाकी के एक साल जेल में सजा पूरी करने का आदेश दिया गया था।

59 लोगों की हुई थी मौत

13 जून 1997 में दिल्ली के उपहार सिनेगा हॉल में बॉर्डर फिल्म लगी थी। उस दौरान अचानक हुए शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। इस अग्निकांड में 59 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि 100 से अधिक लोग झुलस गए थे। इस मामले में कोर्ट ने अंसल बंधुओं को दोषी ठहराया था।

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