पकड़े गए आतंकियों का कसाब, पाक और आइएसआइ से भी निकला संबंध, पुलिस पूछताछ में बताई अपनी योजना?

आइएसआइ इस माडयूल के जरिए उत्तर प्रदेश चुनाव के अलावा आने वाले त्योहारों पर देश में बड़़े स्तर पर तबाही मचाने की साजिश रची थी। इसके लिए इस माडयूल के आतंकियों को बड़े स्तर पर सीमा पार से हथियारों व विस्फोटकों की खेप आने का सिलसिला जारी था

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 02:06 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 11:33 AM (IST)
पकड़े गए आतंकियों का कसाब, पाक और आइएसआइ से भी निकला संबंध, पुलिस पूछताछ में बताई अपनी योजना?
सीमा पार से इस माडयूल के लिए हथियारों व विस्फोटकों की आनी थी 10 से 15 बड़ी खेप

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। आइबी की सूचना पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल व उत्तर प्रदेश एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस (आइएसआइ) व अंडरव‌र्ल्ड से जुड़े छह आतंकियों से पूछताछ में हैरान करने वाली जानकारी मिली है। आइएसआइ इस माडयूल के जरिए उत्तर प्रदेश चुनाव के अलावा आने वाले त्योहारों पर देश में बड़़े स्तर पर तबाही मचाने की साजिश रची थी। इसके लिए इस माडयूल के आतंकियों को बड़े स्तर पर सीमा पार से हथियारों व विस्फोटकों की खेप आने का सिलसिला जारी था लेकिन साजिश को अंजाम तक पहुंचाने से पहले छह को दबोच आइएसआइ की साजिश पर पानी फेर दिया गया।

देश में बड़े स्तर पर तबाही मचाने की आइएसआइ की साजिश को सुरक्षा एजेंसियों ने समय रहते नाकाम कर दिया। इनकी साजिश देश में सीरियल ब्लास्ट करने की थी। सेल की मानें तो संसद हमले के कई साल बाद सीमापार से इतने बड़े स्तर पर भारत में तबाही मचाने की साजिश रची गई। आतंकी जान मुहम्मद शेख, ओसामा, मूलचंद, जीशान कमर, मुहम्मद अबू बकर व मुहम्मद आमिर से पूछताछ में पता चला है कि इन्हें आतंकी गतिविधियों के लिए पूरी तरह जेहादी बनाने के बाद अलग-अलग-जिम्मेदारी सौंपी गई थी और स्लीपर सेल बनकर आम लोगों के संपर्क से दूर रहने के निर्देश दिए गए थे। इस माडयूल में कई और आतंकी हैं, जिनके पास अंडरव‌र्ल्ड डान दाउद इब्राहिम के खास दुबई में छिपे अनीस इब्राहिम व अन्य के जरिए आइएसआइ फिलहाल हथियार व विस्फोटक पहुंचाने का काम कर रही थी।

सीमापार से इन्हें हथियारों व विस्फोटकों की 10-15 बड़ी खेप मिलनी थी, जिसे इन्हें इकटठा कर रखने को कहा गया था। बताया जा रहा है बीते अगस्त में पंजाब के अमृतसर में पाकिस्तानी ड्रोन से जो 100 पिस्टल, बड़ी संख्या में टिफिन बम, हैंड ग्रेनेड, आरडीएक्स व अन्य विस्फोटक सामग्री गिराई गई थी वह इन्हीं माडयूल को मुहैया कराया जाना था लेकिन सुरक्षा ऐजेंसियों ने उसे जब्त कर लिया था। दूसरी खेप इन आतंकियों की निशानदेही पर प्रयागराज से बरामद कर लिया गया।सेल व एटीएस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उक्त दोनों खेप के अलावा भी अइएसआइ हथियारों व विस्फोटकों की खेप इस माडयूल को भेज चुका है या नहीं। साथ ही माडयूल के अन्य आतंकियों को जल्द दबोचने के लिए सेल व सुरक्षा एजेंसियां कार्रवाई तेज कर दी है।

नए रूट की पहचान होने से सकते में सुरक्षा एजेंसियां

गिरफ्तार आतंकियों में ओखला, जामियानगर निवासी ओसामा उर्फ समी को आइएसआइ के निर्देश पर 22 अप्रैल को अखनऊ से सलाम एयरवेज की फ्लाइट से ओमान की राजधानी मस्कट भेजा गया।वहां उसे प्रयागराज निवासी जीशान कमर मिला। दोनों को बोट के जरिये वहां से पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह लाया गया। उसके बाद सिंध प्रांत के थटटा स्थित पाकिस्तानी सेना के फार्म हाउस में चल रहे आतंकी कैंप में उन्हें 15 दिनों तक विस्फोटक तैयार करने व एके 47 चलाने का प्रशिक्षण दिया गया। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि दुबई, ओमान व मस्कट जैसे जगहों पर लोग आमतौर पर पैसा कमाने के उददेश्य से जाते थे। लेकिन इन नए रूटों का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए होने की जानकारी से सुरक्षा एजेंसियां सकते में आ गई है। सुरक्षा एजेंसियों ने जांच का सारा फोकस अब इन रूटों पर कर दिया है।

थटटा में अजमल कसाब को भी दिया गया था प्रशिक्षण

पाकिस्तान के जिस सिंध प्रांत में ओसामा व जीशान को प्रशिक्षण दिया गया वह आतंकियों को प्रशिक्षण दिए जाने का बड़ा कैंप है। बताया जा रहा है 2008 में मुंबई हमले में पकड़े गए अजमल कसाब को भी उसी थट्टा इलाके में प्रशिक्षण दिया गया था। वहां पर आतंकियों के प्रशिक्षण देने का काम पाकिस्तानी सेना व आइएसआइ लंबे समय से कर रही है। लश्कर ए तैयबा व जैश ए मुहम्मद आदि आतंकी संगठनों के आतंकियों को वहीं पर प्रशिक्षण दिया जाता है। यह क्षेत्र पाकिस्तान में आतंकियों के लिए लांच पैड की तरह है, जहां भारत व बांग्लादेश से बुलाए गए जेहादी बन चुके युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाता है। पहली बार सुरक्षा एजेंसियों को भारत से पाकिस्तान जाने वाले इस नए रूट के बारे में पता चला है।

वहां पर ओसामा व जीशान को पाकिस्तानी सेना के जवान जब्बार व हमजा ने प्रशिक्षण दिया था। गाजी नाम के मेजर जनरल की देखरेख में दोनों को प्रशिक्षण दिया गया। दोनों को लेकर सादी वर्दी में आर्मी का अफसर कैंप में गया था। उसके वहां जाते ही प्रशिक्षण देने वालों ने सलामी दी थी।ओसामा व जीशान से पता चला कि उन्हें एके 47, चाइनीज पिस्टल, आइइडी बनाने व प्लांट करने के अलावा रेकी करने, बम रखने के दौरान किसी के शक करने पर उसे कैसे छोटे हथियार से घायल किया जाए व मौके से भागने आदि का प्रशिक्षण दिया गया। दोनों ने बताया कि वे पैसे नहीं बल्कि जेहाद के लिए प्रशिक्षण लेने पाकिस्तान गए थे।

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