63 साल की उम्र में भी कायम है रक्तदान करने का जज्बा
बैंक में नौकरी करने के दौरान मिली रक्तदान करने की प्रेरणा 63 वर्षीय श्रीकृष्ण गकखड़ के अंदर आज भी कायम है। इसी के चलते वह पिछले कई वर्षों से लगातार लोगों की जान बचाने के लिए रक्तदान कर रहे हैं।
नई दिल्ली [राहुल चौहान]। बैंक में नौकरी करने के दौरान मिली रक्तदान करने की प्रेरणा 63 वर्षीय श्रीकृष्ण गकखड़ के अंदर आज भी कायम है। इसी के चलते वह पिछले कई वर्षों से लगातार लोगों की जान बचाने के लिए रक्तदान कर रहे हैं। पुराना राजेंद्र नगर में रहने वाले गकखड़ बताते हैं कि वर्ष 1984 में वह केनरा बैंक में कार्यरत थे।
उस समय केनरा बैंक का कार्यालय रेडक्रास सोसायटी के आफिस के पास ही संसद मार्ग पर था। उस समय बैंक के सहयोग से रेडक्रास सोसायटी ने उनके कार्यालय में रक्तदान शिविर लगाया था। वहीं, से उन्हें रक्तदान करने की प्रेरणा मिली और उन्होंने पहली बार रक्तदान किया।
इसके बाद फिर उन्होंने अपने जन्मदिन प्रति वर्ष नियमित रूप से रक्तादान करना शुरू कर दिया। इसके साथ ही पंजाब नेशनल बैंक में कार्यरत रहने के दौरान भी उन्होंने कई बार रक्तदान शिविर लगवाकर अन्य लोगों को भी रक्तदान करने के लिए जागरूक किया।
उन्होंने बताया कि 19 मार्च को अपने जन्मदिन के अलावा जब भी उनके पास कोई जरूरतमंद रक्तदान करने के लिए संपर्क करता है या रेडक्रास सोसायटी की ओर से मांग आती है तो वह रक्तदान करते हैं। पिछली 19 मार्च को उन्होंने थैलेसीमिया की बीमारी से पीड़ित एक 15 वर्षीय बच्चे के लिए 93वीं बार रक्तदान किया है।
होम्योपैथी संघ की हेल्पलाइन शुरू
वहीं, राष्ट्रीय होम्योपैथी संघ (आरएचएस) व सेवा भारती दिल्ली ने संयुक्त रूप से कोरोना स्वास्थ्य हेल्पलाइन 8010066066 को शुरू किया है। इसमें हिंदी एवं अंग्रेजी भाषा के माध्यम से लोगों को चिकित्सकीय परामर्श दिया जा रहा है। आरएचएस के कोर कमेटी के सदस्य डा. राजीव शर्मा ने बताया कि दो जून से शुरू की गई इस हेल्पलाइन के माध्यम से 100 से अधिक पंजीकृत वरिष्ठ अनुभवी होम्योपैथिक चिकित्सक निश्शुल्क सेवाएं दे रहे हैं।