Health News Update: दिल्ली के अस्पताल में अत्याधुनिक रोबोट तकनीक से की गई रीढ़ की सर्जरी
आइएसआइसी के निदेशक डाक्टर एचएस छाबड़ा (Dr HS Chhabra Director of ISIS) ने बताया कि इस तकनीक से सर्जरी के दौरान गलती का खतरा अन्य रोबोटिक तकनीक के मुकाबले बहुत कम होता है। सेंटर ने पहली बार इस तकनीक से दो युवा लड़कियों की रीढ़ की सफल सर्जरी की है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। रीढ़ की हड्डी जैसे महत्वपूर्ण अंगों की सटीक सर्जरी करने के लिए देश में अत्याधुनिक तकनीक ओ आर्म एक्स स्टील्थ का इस्तेमाल कर बुधवार को दो लड़कियों की रीढ़ की सर्जरी की गई है। इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर (Indian Spinal Injury Center) द्वारा यह सर्जरी की गई है। सेंटर का दावा है कि देश में नई तकनीक से की गई यह पहली सर्जरी है। हालांकि, दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (Delhi based All India Institute of Medical Sciences) में पहले से ही रोबोट द्वारा सर्जरी की जा रही है।
इस पर आइएसआइसी के निदेशक डाक्टर एचएस छाबड़ा (Dr HS Chhabra, Director of ISIS) ने बताया कि इस तकनीक से सर्जरी के दौरान गलती का खतरा अन्य रोबोटिक तकनीक के मुकाबले बहुत कम होता है। सेंटर ने पहली बार इस तकनीक से दो युवा लड़कियों की रीढ़ की सफल सर्जरी की है। इनमें 13 वर्षीय मरीज मरीन स्कोलियोसिस और दूसरी 16 वर्षीय मरीज रीढ़ में टीबी की बीमारी से पीड़ित थी। 13 वर्षीय मरीज को शुरुआत में स्कोलियोसिस का पता चला था, जिससे उसकी रीढ़ हड्डी 85 डिग्री पर झुक गई थी।
वहीं, दूसरी ओर 16 वर्षीय युवती भी 2018 से रीढ़ की टीबी से पीड़ित थी। उसे निचले अंगों में कमजोरी के कारण टीबी के इलाज के बाद चलने में कठिनाई हो रही थी। डा. एसएस छाबड़ा ने बताया कि नई रोबोट ओ-आर्म तकनीक से न सिर्फ सर्जरी सटीक होती है, बल्कि पैरालाइसिस का खतरा कम होने के साथ मरीज को रेडियेशन के संपर्क में आने की जरूरत भी नहीं होती है। साथ ही सर्जरी के दौरान खून की क्षति कम होती है और दर्द भी कम होता है।