रचनात्मकता के लिए विशेष योग्यता जरूरी नहीं, बस चाहिए सृजनशीलता : प्रो. रजनीश
रचनात्मक लेखन से जुड़े मुख्य बिन्दुओं के विषय में प्रो. रजनीश ने रचनात्मक लेखक के विषय में बताया कि यह कोई आवश्यकता नहीं हैकि आप रचनात्मक लेखक के लिए कोई विशेष योग्यता रखते हों।यदि आपके पास लेखन की आकांक्षा है और सृजनशीलता है तो आप रचनात्मक लेखक बन सकते हैं।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। नॉन कॉलेजिएट वूमेंस एजुकेशन बोर्ड (एनसीवेब) के तत्त्वावधान में 13 अप्रैल 2021 से 3 मई 2021 तक हिन्दी और अंग्रेजी माध्यम में रचनात्मक लेखन की कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इस कार्यशाला का उद्घाटन 13 अप्रैल को 11 बजे हुआ। कार्यशाला के मुख्य अतिथि के रुप में प्रो. रजनीश जैन की उपस्थिति रही। प्रो. रजनीश वर्तमान समय में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सचिव एवं मुख्य सतर्कता अधिकारी हैं। प्रो. रजनीश ने अपने वक्तव्य में यह बताया कि संचार जीवन का अभिन्न अंग है, इसके अभाव में किसी प्रकार की गतिविधि का संचालन नहीं हो सकता है। इस रूप में इस कार्यशाला की प्रासंगिकता को बताया तथा साथ-ही-साथ उन्होंनें नई शिक्षा नीति की भी चर्चा सन्दर्भगत की।
नई शिक्षा नीति में लेखन कौशल का महत्व
प्रो. रजनीश ने बताया कि नई शिक्षा नीति में भी लेखन कौशल इत्यादि की महत्ता को बताया गया है तथा लाइफ स्किल कोर्स की भी चर्चा की। रचनात्मक लेखन से जुड़े मुख्य बिन्दुओं के विषय में प्रो. रजनीश ने रचनात्मक लेखक के विषय में बताया कि यह कोई आवश्यकता नहीं है, कि आप रचनात्मक लेखक के लिए कोई विशेष योग्यता रखते हों। यदि आपके पास लेखन की आकांक्षा है और सृजनशीलता है, तो आप रचनात्मक लेखक बन सकते हैं। जिसके लिए प्रो. ने समसामयिक समय के लेखकों में चेतन भगत एवं अवनीश त्रिपाठी का उदाहरण भी प्रस्तुत किया। इस प्रकार प्रो. रजनीश ने अपने वक्तव्य के अन्त में उन्होंनें कार्यशाला की प्रासांगिकता को बताया।
देखने को मिलेगी सकारात्मक उर्जा
इस क्रम में कार्यशाला के दूसरे वक्ता के रूप में प्रो. पूर्ण चन्द्र जोशी की भी गरिमामय उपस्थिति रही। प्रो. पूर्ण चन्द्र जोशी वर्तमान समय में दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति हैं। प्रो. पूर्ण चन्द्र जोशी ने अपने वक्तव्य के माध्यम से बताया कि यह कार्यशाला एनसीवेब की छात्राओं के लिए विविध जानकारी प्रदान करेगा उनके आत्मविश्वास को बढ़ाएगा जिससे उन छात्राओं में एक सकारात्मक उर्जा देखने को मिलेगी। कार्यशाला के स्वागत भाषण में एनसीवेब के अध्यक्ष प्रो.राजीव गुप्ता ने किया। राजीव गुप्ता ने अपने व्याख्यान में एनसीवेब का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत करते हुए यह बताया कि यह बोर्ड अपने शुरुआती दौर में किस प्रकार से केवल 3 छात्राओं के माध्यम से ७७ वर्ष पूर्व स्थापित हुआ था जो वर्तमान समय में 26 स्नातक केन्द्रों एवं 1 परास्नातक केन्द्र के माध्यम से 25 हजार छात्राओं का अध्ययन-अध्यापन किया जा रहा है।
छात्राओं को अग्रसित करेगा कार्यक्रम
इसके बाद एनसीवेब महानिदेशिका डा. गीता भट्ट ने इस कार्यशाला की सार्थकता को बताया कि किस रूप में यह छात्राओं को अग्रसित करने का काम करेगी, क्योंकि इस कार्यशाला के विविध सत्रों के द्वारा ऐसे व्याख्याताओं को हम सुनेगें जो कि कहीं न कहीं व्यावसायिक रूप से भी रचनात्मक लेखन से जुड़े हुए हैं, जिसके लिए उन्होंने उदाहरण भी दिया जैसे लोकसभा टीवी के एडिटर एवं विविध पत्रकारों का सानिध्य भी हमें इस कार्यशाला में प्राप्त होगा। उद्घाटन के इस सत्र में कतिपय छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक झलक की भी देखने को मिली। इस प्रकार से इस उद्घाटन सत्र का समापन एन. सी. वेब के उप-निदेशक डा. उमाशंकर ने किया। इसमें उन्होंनें इस कार्यशाला में उपस्थित वक्तागणों को धन्यवाद ज्ञापित किया।