कोई ई रिक्शा में भरकर ले जा रहा राशन तो किसी को घंटों लाइन में लगने के बाद भी मुट्ठी भर अनाज नसीब नहीं

किसी वितरण केंद्र पर लोगों को राशन ही नहीं मिल रहा है तो कहीं पर लोग ई-रिक्शा में भरकर राशन ले जा रहे हैं। एक-एक लाभार्थी 17-17 लोगों के आधार कार्ड लेकर पहुंचता और ई-रिक्शा पर राशन लादकर ले जाता है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 02:54 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 02:54 PM (IST)
कोई ई रिक्शा में भरकर ले जा रहा राशन तो किसी को घंटों लाइन में लगने के बाद भी मुट्ठी भर अनाज नसीब नहीं
अनियमितता- कई राशन वितरण केंद्रों पर आते ही खत्म हो जा रहा है अनाज।

नई दिल्ली, [अरविंद कुमार द्विवेदी]। दिल्ली सरकार की ओर से किए जा रहे राशन वितरण में लोगों को खूब परेशान होना पड़ रहा है। किसी वितरण केंद्र पर लोगों को राशन ही नहीं मिल रहा है तो कहीं पर लोग ई-रिक्शा में भरकर राशन ले जा रहे हैं। एक-एक लाभार्थी 17-17 लोगों के आधार कार्ड लेकर पहुंचता और ई-रिक्शा पर राशन लादकर ले जाता है। वहीं, तमाम केंद्र ऐसे भी हैं जहां से लोग घंटों कतार में लगकर भी खाली हाथ वापस जाते हैं।

वाट्सएप पर यूपी-बिहार व बंगाल तक से मंगवा रहे आधार कार्ड

जामिया नगर स्थित निगम स्कूल के एक राशन वितरण केंद्र के इंचार्ज ने बताया कि एक व्यक्ति को अधिकतम नौ आधार कार्ड का राशन देने का नियम है। लोग कई-कई आधार कार्ड लेकर राशन लेने पहुंच रहे हैं। एक व्यक्ति तो 17 आधार कार्ड लेकर राशन लेने पहुंच गया। मना करने पर विधायक से शिकायत करने की धमकी दी, हंगामा करने लगा। इस पर मजबूरी में उसे 85 किलो राशन देना पड़ा। वह उसे ई-रिक्शा पर राशन लादकर ले गया। इंचार्ज ने बताया कि लोग यूपी, बिहार, झारखंड व बंगाल से अपने उन दोस्तों, रिश्तेदारों व पड़ोसियों के आधार कार्ड वाट्सएप पर मंगवाकर राशन ले रहे हैं जो पिछले लाकडाउन में दिल्ली से चले गए थे। इससे राशन के वास्तविक हकदारों को परेशानी हो रही है।

दो-दो केंद्रों पर राशन लेने पहुंच जाते हैं लोग

ओखला स्थित एक राशन वितरण केंद्र के इंचार्ज ने बताया कि बहुत से ऐसे लोग भी आधार कार्ड पर राशन लेने पहुंच रहे हैं जिनका राशन कार्ड बना हुआ है। चूंकि सभी राशन कार्ड आधार कार्ड से जुड़े हैं इसलिए उनकी पूरी डिटेल कंप्यूटर में दर्ज करने के बाद पता चलता है कि उनका राशन कार्ड बना हुआ है। राशन देने से मना करने पर वे काफी बहस करने के बाद ही वापस जाते हैं। इस कारण केंद्रों पर भीड़ कम नहीं हो पा रही है। वहीं, कई लोग तो एक केंद्र पर राशन लेने के बाद दूसरे केंद्र पर दोबारा राशन लेने पहुंच जाते हैं। उन्हें लगता है कि वे पकड़े नहीं जाएंगे।

लेकिन, कंप्यूटर में एंट्री होते ही पता चल जाता है कि वे अमुक आधार कार्ड पर किसी और केंद्र पर पहले ही राशन ले चुके हैं। इन सबके कारण राशन बांट रहे स्टाफ को काफी परेशानी होती है। इंचार्ज ने बताया कि समस्या यह है कि पूरी एंट्री करने के बाद ही यह पकड़ में आता है। सरकार को साफ्टवेयर अपडेट करके ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए ताकि आधार नंबर डालते ही यह पकड़ में आ जाए कि व्यक्ति का राशन कार्ड है या नहीं।

मत पूछो कैसे बीता साल

मदनपुर खादर निवासी शकीला खातून ने बताया कि वह घरेलू सहायिका का काम करती थीं। पति ठेले पर कास्मेटिक सामान बेचते थे। लेकिन, पिछले लाकडाउन में ही उनका काम छूट गया और पति की दुकानदारी भी बंद हो गई। तब से दोनों बेरोजगार हैं। वह कहती हैं, 'यह साल कैसे बीता, मत पूछो। सरकार की ओर से बांटा जाने वाला राशन भी नहीं मिला। अब भी राशन क लिए चक्कर लगा रही हूं, लेकिन मिल नहीं रहा है।'

वहीं, मदनपुर खादर निवासी प्रियंका ने बताया कि दिनभर कतार में लगने के बाद राशन के बजाय सिर्फ कूपन मिला है। बताया गया है 20 जून के बाद जब दोबारा राशन आएगा तब आना। कालकाजी स्थित राशन वितरण केंद्र के स्टाफ ने बताया राशन इतना कम आता है कि 35-40 लोगों को बांटने के बाद ही खत्म हो जाता है।

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