किसान आंदोलन के 100 दिन बाद लगा झटका, प्रदर्शनकारियों की घटती संख्या ने बढ़ाई राकेश टिकैत की टेंशन; किसान नेता का दावा धराशायी

यूपी गेट स्थित धरनास्थल पर शनिवार को भी प्रदर्शनकारियों की संख्या में काफी कम रही। इसके साथ ही धरनास्थल पर लगे हुए टेंट भी खाली दिखाई दिए। जो लोग यहां पर थे भी उनमें वह जोश नजर नहीं आ रहा था जो आंदोलन की शुरुआत में था।

By JP YadavEdited By: Publish:Sat, 06 Mar 2021 11:33 AM (IST) Updated:Sun, 07 Mar 2021 07:24 AM (IST)
किसान आंदोलन के 100 दिन बाद लगा झटका, प्रदर्शनकारियों की घटती संख्या ने बढ़ाई राकेश टिकैत की टेंशन; किसान नेता का दावा धराशायी
यूपी गेट स्थित धरनास्थल पर शनिवार को भी प्रदर्शनकारियों की संख्या में काफी कम रही।

नई दिल्ली/गाजियाबाद, ऑनलाइन डेस्क। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों का धरना-प्रदर्शन जारी है। शनिवार को किसान आंदोलन 100वें दिन में प्रवेश कर दिया। इस बीच सिंघु, टीकरी, शाहजहांपुर और गाजीपुर बॉर्डर पर लगातार घट रही किसानों की संख्या ने संयुक्त किसान किसान मोर्चा की चिंता को बढ़ा दिया है। खासकर दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बॉर्डर पर किसान प्रदर्शनकारियों की घटती संख्या ने भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्त राकेश टिकैत को परेशान कर दिया है। किसानों संगठनों का मानना है कि इसी तरह लगातार प्रदर्शनकारियों की संख्या गिरती रही तो केंद्र सरकार के समक्ष वह कमजोर पड़ते जाएंगे। 

गौरतलब है कि पिछले साल 28 नवंबर को गाजीपुर बॉर्डर के निकट दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे व एनएच- 9 पर टेंटों का पूरा शहर बस गया, लेकिन अब हालात बिल्कुल अलग नजर आ रहे हैं। स्थिति यह है कि 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान उपद्रव के बाद जांच में कई प्रदर्शनकारियों के गिरफ्तार होने के बाद यूपी गेट पर बसे टेंटों का शहर उजड़ने लगा है। अब पहले जैसी रौनक दिखाई नहीं दे रही है।

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प्रदर्शनकारियों व टेंटों की संख्या में काफी कमी आई है। जहां कई जगहों से टेंट हट गए हैं वहीं जहां टेंट लगे हैं वह पूरी तरह से सुनसान हैं। मंच के सामने भी मुट्ठी भर प्रदर्शनकारी दिखाई दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में प्रदर्शनकारी नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई दे रही हैं। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड समेत अन्य प्रदेशों से हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी यूपी गेट पहुंचे। हाल यह था कि जहां तक नजर जाती थी वहां तक टेंट ही टेंट नजर आते थे, लेकिन यह संख्या अब घटकर कुछ में आ सिमटी है।

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शुक्रवार को भी कम रही प्रदर्शनकारियों की संख्या

यूपी गेट स्थित धरनास्थल पर शनिवार को भी प्रदर्शनकारियों की संख्या में काफी कम रही। इसके साथ ही धरनास्थल पर लगे हुए टेंट भी खाली दिखाई दिए। जो लोग यहां पर थे भी उनमें वह जोश नजर नहीं आ रहा था, जो आंदोलन की शुरुआत में था। यूपी गेट पर प्रदर्शनकारियों की संख्या कम होने के चलते प्रदर्शनकारियों के नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें हैं।

लगने शुरू हुए नए टेंट

यूपी गेट स्थित धरनास्थल पर गर्मी के चलते अब नये टेंट लगने शुरू हो गए हैं। यूपी गेट पर सर्दी के टेंट उखड़ने लगे हैं और गर्मी के लिहाज से हवादार टेंट लग रहे हैं। प्रदर्शनकारियों के नेता ऐसी कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे कि जब वह लोगों को किसी भी तरह से यहां लाने का प्रयास न कर रहे हों।

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किसान प्रदर्शनकारियों की घटती संख्या को लेकर टीकरी बॉर्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कृषि सुधार कानून के विरोध में आंदोलन कर रहे लोगों से कहा कि उन्हें एक साल और यहीं पर डटे रहना होगा। राकेश टिकैत ने यह भी कहा है कि पिछले साल नवंदर-दिसंबर में सर्दी के दौरान किसानों का आंदोलन शुरू हुआ था इसलिए अगली सर्दी में ही सरकार समाधान के लिए आएगी।

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इसी कड़ी में गुरनाम सिंह चढूनी ने हरियाणा के बहादुरगढ़ में कहा कि आंदोलन का किसी को पता नहीं होता। 100 दिन बीत चुके हैं। हमें तो लग रहा था कि दो सप्ताह में बात नहीं मानी गई तो आंदोलन टूट जाएगा। मगर ऐसा नहीं हुआ। इसलिए आंदोलन के भविष्य को लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता। 

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