पर्यावरण को बचाने के लिए महिलाओं को ही आगे आना पड़ेगा : मेधा पाटकर

मेधा पाटकर ने कहा कि नर्मदा बचाओ आंदोलन के समय उन्होंने डटकर परेशानियों का सामना किया। महिला होने की वजह से उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ा।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Tue, 18 Feb 2020 04:07 PM (IST) Updated:Tue, 18 Feb 2020 04:07 PM (IST)
पर्यावरण को बचाने के लिए महिलाओं को ही आगे आना पड़ेगा : मेधा पाटकर
पर्यावरण को बचाने के लिए महिलाओं को ही आगे आना पड़ेगा : मेधा पाटकर

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी कॉलेज के वूमेन डेवलपमेंट सेल की ओर से ‘नदी, स्त्री और मेधा पाटकर’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ। इसमें मुख्य वक्ता के रूप में स्वयं मेधा पाटकर उपस्थित थीं। मेधा पाटकर एक जानी मानी सामाजिक कार्यकर्ता हैं, उन्हें नर्मदा बचाओ, घर बचाओ, घर बनाओ जैसे कई आंदोलनों के लिए जाना जाता है।

कॉलेज के प्राचार्य ने मेधा पाटकर को पौधा देकर किया सम्‍मानित

कार्यक्रम की शुरुआत में कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजेश गिरी ने मेधा पाटकर को पौधा देकर सम्मानित किया, साथ ही महिला विकास संघ की संयोजिका डॉ. सपना ने शॉल देकर सम्मानित किया।

कई बड़े नाम रहे उपस्‍थित

कार्यक्रम में वूमेन डेवलपमेंट सेल की ओर से डॉ. पल्लवी चौधरी, डॉ. अथोई, डॉ. गायत्री भारद्वाज, डॉ. प्रेरणा बंसल, डॉ. पियाली सेन घोष, डॉ. कृष्ण और नम्रता सिंह उपस्थित रहीं। वहीं महाविद्यालय के आचार्य मंडल से डॉ. सिद्धेश्वर कुमार शुक्ला, डॉ. सुमन कुमार, डॉ. नंद किशोर, डॉ. देव कुमार, डॉ. स्वाति मलिक और डॉ. सुरुचि गौतम मौजूद रहे।

नर्मदा आंदोलन के समय परेशानियों का डटकर सामना किया

मेधा पाटकर ने कहा कि नर्मदा बचाओ आंदोलन के समय उन्होंने डटकर परेशानियों का सामना किया। महिला होने की वजह से उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ा।

पूंजी से आजादी इस समय की सबसे बड़ी आवश्‍यकता

वे बताती हैं कि पूंजी से आजादी इस समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। वे यह भी कहती हैं कि अगर हमें पर्यावरण को बचाना है तो इस समय महिलाओं को सामने आना ही होगा और महिलाएं ही हैं जो पर्यावरण को बचाने के लिए समाज में मुख्य भूमिका निभा सकती हैं।

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