रिसर्च हब के तौर पर विकसित होगा दिल्ली विश्वविद्यालय, खोले जाएंगे छह नए शोध केंद्र

आइओई के एक पदाधिकारी ने बताया कि हाल ही में डीयू शिक्षकों व शोधार्थियों से प्रस्ताव मांगे गए थे। बड़ी संख्या में आवेदन आए। अब तक विभिन्न स्कूलों के मार्फत 250 प्रोजेक्ट दिए गए हैं। इससे रैंकिंग सुधरेगी।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 09:25 AM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 09:25 AM (IST)
रिसर्च हब के तौर पर विकसित होगा दिल्ली विश्वविद्यालय, खोले जाएंगे छह नए शोध केंद्र
छात्र विदेशी संस्थानों में जाकर भी शोध कर सकेंगे।

नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। दिल्ली विश्वविद्यालय को अगामी दिनों में रिसर्च हब के तौर पर विकसित करने की कवायद तेज हो चुकी है। इसी कड़ी में शोध कार्यो को बढ़ावा दिया जा रहा है। बहुत जल्द डीयू इंस्टीट्यूट आफ एमिनेंस (आइओई) के तहत छह नए स्कूल भी खोलने जा रहा है। इससे गुणवत्तापूर्ण शोध और विदेशी संस्थानों संग संयुक्त शोध का भी मिलेगा। छात्र विदेशी संस्थानों में जाकर भी शोध कर सकेंगे।

साल 2018 में भारत सरकार ने इंस्टीट्यूट आफ एमिनेंस योजना शुरू की थी जिसका उद्देश्य भारत को शोधपरक शिक्षा के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित करना एवं गुणवत्तापरक शोध को बढ़ावा देना था। केंद्र सरकार इसमें शामिल संस्थानों को आर्थिक मदद भी देगी।

इसमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी), दिल्ली समेत अन्य संस्थान शामिल हैं। साल 2019 में दिल्ली विश्वविद्यालय को इंस्टीट्यूट आफ एमिनेंस का दर्जा मिला। हाल में इंस्टीट्यूट आफ एमिनेंस की गवर्निग काउंसिल की बैठक भी हुई थी, जिसमें नए स्कूल खोलने की योजना को अमलीजामा पहनाने पर चर्चा हुई। बकौल कार्यवाहक कुलपति नए स्कूल खोलने की प्रक्रिया काफी आगे बढ़ गई है।

वहीं डीयू ओएसडी प्रो आशुतोष भारद्वाज कहते हैं कि छह नए केंद्रों के निदेशक समेत अन्य पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच गई है। बहुत जल्द ये स्कूल कार्य करने लगेंगे।

ये केंद्र खुलेंगे

स्कूल आफ क्लाइमेंट चेंज एंड सस्टेनिबिलिटी: भारत पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों व कारणों पर शोध।

स्कूल आफ पब्लिक हेल्थ: दिल्ली में सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधारों के लिए अध्ययन पर जोर।

स्कूल आफ गवर्नेस एंड पब्लिक पालिसी: इसके तहत राष्ट्रीय नीतियों का अध्ययन कर उसके क्रियान्वयन का खाका तैयार किया जाएगा।

स्कूल आफ ट्रांसनेशनल अफेयर्स: इसके तहत डीयू पड़ोसी देशों के शैक्षणिक संस्थानों के साथ करार के तहत जल संसाधनों, जलवायु समेत विभिन्न मसलों पर संयुक्त शोध को बढ़ावा देगा।

स्कूल आफ स्किल इनहांसमेंट: कौशल दक्षता के संबंध में शोध। छात्रों के विचारों को कैसे तकनीक की मदद से अमलीजामा पहनाया जाए इस पर गहन मंथन।

ग्लोबल हिस्ट्री, कल्चरल एंड हेरिटेज फाउंडेशन: भारत समेत दुनिया के प्रमुख देशों की कला-संस्कृति पर शोध।

आइओई का लक्ष्य अत्याधुनिक सुविधाओं वाला विश्व स्तरीय कैंपस बनाया जाना सरकार, उद्योग जगत तथा समाज के साथ मिलकर काम करना छात्रों को शोध, अध्ययन व नवाचार के लिए प्रोत्साहित करना। रिसर्च क्षेत्र में आत्मनिर्भरता विदेशी छात्रों को यहां पढ़ाई के लिए आकर्षित करना पूर्व छात्रों को संस्थान से जोड़ना विश्व स्तरीय शिक्षक व शोधार्थियों की नियुक्ति

वैश्विक स्तर पर रैंकिंग में आएगा सुधार

इंस्टीट्यूट आफ एमिनेंस के जरिये डीयू की रैंकिंग भी सुधरेगी। आइओई के एक पदाधिकारी ने बताया कि हाल ही में डीयू शिक्षकों व शोधार्थियों से प्रस्ताव मांगे गए थे। बड़ी संख्या में आवेदन आए। अब तक विभिन्न स्कूलों के मार्फत 250 प्रोजेक्ट दिए गए हैं। इससे रैंकिंग सुधरेगी। जब छह नए स्कूल खुल जाएंगे तो उम्मीद है कि रैंकिंग बेहतर हो जाएगी। वर्तमान में डीयू, भारतीय सार्वजनिक शैक्षणिक संस्थानों की सूची में टाप 10 में शामिल है। ब्रिक्स यूनिवर्सिटी रैंकिंग में पहला स्थान है और क्यूएस विश्व रैंकिंग में 474वां।

chat bot
आपका साथी