दुकानदारों को खाली करनी पड़ेगी एमसीडी मार्केट की इमारत, व्यापारियों को मिलेगा अस्थायी स्थान

नगर निगम ने आइआइटी रुड़की से इस इमारत की ढांचागत मजबूती का आडिट कराया था। रिपोर्ट में इमारत को जर्जर बताया गया था। इसके चलते निगम ने इस इमारत को खतरनाक घोषित करते हुए दुकानदारों को 23 जुलाई को नोटिस दे दिया था।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 07:43 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 07:43 PM (IST)
दुकानदारों को खाली करनी पड़ेगी एमसीडी मार्केट की इमारत, व्यापारियों को मिलेगा अस्थायी स्थान
एमसीडी मार्केट इमारत को खाली कराना आखिरी विकल्प

नई दिल्ली [निहाल सिंह]। करोल बाग में सरस्वती मार्ग पर बनी म्यूनसिपल मार्केट इमारत के जर्जर घोषित होने के बाद दुकानदारों को यह इमारत खाली करनी होगी। हालांकि, निगम उनके लिए आस-पास ही अस्थायी स्थान उपलब्ध कराएगा। वहीं, इस इमारत के स्थान पर नया शापिंग कांप्लेक्स बने इसके लिए जल्द से जल्द योजना बनाई जाएगी। जब कांप्लेक्स बनकर तैयार हो जाएगा तो वर्तमान दुकानदारों को उतना ही स्थान कांप्लेक्स में उपलब्ध कराया जाएगा।

स्थायी समिति के अध्यक्ष जोगीराम जैन ने कहा कि मामला संज्ञान में आने के बाद वह इस मामले पर गंभीरता से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें व्यापारियों की चिंता है। ऐसे में उनकी जान भी सुरक्षित रहे और व्यापार को भी नुकसान न पहुंचे इसके लिए हम रास्ता निकालने की कोशिश में जुटे हैं। चूंकि इमारत काफी जर्जर हो चुकी है ऐसे में उसे खाली करवाना भी जरुरी है। हालांकि दुकानदारों को व्यापार में नुकसान न हो इसके लिए आसपास ही अस्थायी स्थान देने पर विचार किया जा रहा है। इसके साथ ही कांप्लेक्स में उन्हें वर्तमान उपलब्ध स्थान के हिसाब से ही स्थान उपलब्ध कराया जाएगा। उनकी 99 वर्ष की लीज जारी रहेगी। इसे खत्म नहीं किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि नगर निगम ने आइआइटी रुड़की से इस इमारत की ढांचागत मजबूती का आडिट कराया था। रिपोर्ट में इमारत को जर्जर बताया गया था। इसके चलते निगम ने इस इमारत को खतरनाक घोषित करते हुए दुकानदारों को 23 जुलाई को नोटिस दे दिया था। नोटिस में दुकानदारों को तीन के भीतर इमारत को खाली करने के लिए कहा था। हालांकि रविवार को निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष जोगीराम जैन ने इमारत का निरीक्षण किया था। साथ ही दुकानदारों को आश्वासन दिया था कि दस दिन में कोई समाधान निकाला जाएगा। तब तक कोई कार्रवाई नहीं होगी। इस इमारत में 45 दुकानें हैं तो वहीं 20 आफिस यूनिट है। यह इमारत 1975 में बनी है। इसमें मुख्य रूप से मोबाइल फोन बिक्री व मरम्मत का काम होता है।

करोल बाग एमसीडी मार्केट के प्रधान हरीश चित्कारा ने कहा कि हमारा मानना है कि एक दूसरी एजेंसी से फिर से इसकी ढांचागत मजबूती का आडिट कराया जाए। हम मानते हैं कि मरम्मत इमारत की हो सकती है। इसके साथ ही अगर, इमारत को गिराने की बात है तो हमें अस्थायी दुकान देने के साथ कांप्लेक्स में बिना किसी शुल्क के वर्तमान जितना स्थान उपलब्ध कराया जाएगा इसको लिखित में दिया जाए।

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