घरेलू हिंसा के खिलाफ महिलाओं को जागरूक कर रही हैं शिवानी, रोजगार के लिए भी दे रहीं प्रशिक्षण

शिवानी ने बताया कि सावदा कॉलोनी के सभी ब्लॉक कंझावला लाडपुर निजामपुर घेवरा गांव कराला जटखोड़ पंजाबखोड़ जौंन्ती चांदपुर कुतुबगढ़ जैसे क्षेत्रों की महिलाओं के लिए कार्य कर रहे हैं। वह कहती हैं कि लोगों की मदद करना उन्हें अच्छा लगता है।

By Neel RajputEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 05:26 PM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 05:26 PM (IST)
घरेलू हिंसा के खिलाफ महिलाओं को जागरूक कर रही हैं शिवानी, रोजगार के लिए भी दे रहीं प्रशिक्षण
घरेलू हिंसा को लेकर महिलाओं में जागरूकता फैला रही शिवानी

नई दिल्ली, जेएनएन। वक्त बदल रहा है लेकिन महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामलों में कमी नहीं आ रही है। सावदा की शिवानी सिंह इसकी शिकार महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने और उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने में जुटी हैं। शिवानी का मानना है कि अशिक्षा और जागरूकता की कमी के कारण महिलाएं उनके साथ हो रही हिंसा और उत्पीड़न के बारे में बोलने से डरती हैं लेकिन समझाएं जाने पर वह खुलकर बात करती हैं। इसलिए उन्होंने महिला पंचायत के तहत ऐसी महिलाओं को एकत्र किया और उनकी परेशानियों पर चर्चा की। 25 वर्षीय शिवानी स्पीड संस्था के अंतर्गत कार्य कर रही हैं। अपने अन्य चार सहयोगियों के साथ मिलकर वह निरंतर अपने कार्य का विस्तार कर रही हैं।

आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास

पिछले करीब चार वर्षों से शिवानी बाहरी दिल्ली के दर्जनों क्षेत्रों की महिलाओं के अधिकार के लिए कार्य कर रही हैं। उन्हें कानूनी मदद दिलाने में भी सहायता कर रही हैं। उन्होंने बताया कि सावदा कॉलोनी के सभी ब्लॉक, कंझावला, लाडपुर, निजामपुर, घेवरा गांव, कराला, जटखोड़, पंजाबखोड़, जौंन्ती, चांदपुर, कुतुबगढ़ जैसे क्षेत्रों की महिलाओं के लिए कार्य कर रहे हैं। वह कहती हैं कि लोगों की मदद करना उन्हें अच्छा लगता है। वह महिलाओं को अपने तरीके से जीवन जीने के लिए प्रेरित करती हैं। रोजगार के लिए उन्हें सिलाई कढा़ई का प्रशिक्षण भी दिया जाता है ताकि वह आत्मनिर्भर बन सकें।

छेड़खानी और उत्पीड़न के खिलाफ आवाज

स्नातक करने के बाद ही समाज कार्यों से जुड़ चुकी शिवानी ने उन महिलाओं की जिंदगी को देखा जिन्हें कदम कदम पर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।स्पीड संस्था का निर्माण कर उन्होंने इसी क्षेत्र में कार्य करने का जिम्मा उठाया। इसके लिए वह महिलाओं के बीच गई और उनकी आपबीती को सुना। पति द्वारा प्रताड़ना या परिवार के दूसरे सदस्यों द्वारा दुर्व्यवहार के मामले में वह उनकी काउंसलिंग कर मामले को सुलझाने का प्रयास करती हैं। जरूरत पड़ने पर कानूनी सहायता भी लेती हैं। इसके अलावा छेड़खानी के खिलाफ भी उन्होंने महिलाओं को न्याय दिलाने में मदद की। शिवानी ने बताया इन मामलों में 25 से लेकर 40 वर्ष की आयु की महिलाएं अधिक होती हैं।

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