राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका शांता अक्का ने कहा, हिंदू संस्कृति के समक्ष चल रहा बौद्धिक युद्ध

इंटरनेट माध्यम से आयोजित स्थापना दिवस कार्यक्रम में सबसे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की महिला इकाई राष्ट्र सेविका समिति प्रमुख संचालिका शांता अक्का ने शस्त्र व शास्त्र पूजन किया उसके बाद पहली ई- पत्रिका अपाला का विमोचन किया।

By Jp YadavEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 07:52 AM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 07:52 AM (IST)
राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका शांता अक्का ने कहा, हिंदू संस्कृति के समक्ष चल रहा बौद्धिक युद्ध
राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका शांता अक्का ने कहा, हिंदू संस्कृति के समक्ष चल रहा बौद्धिक युद्ध

नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की महिला इकाई राष्ट्र सेविका समिति प्रमुख संचालिका शांता अक्का ने कहा कि हिंदू संस्कृति के समक्ष इस समय बौद्धिक युद्ध चल रहा है, हिंदुत्व विरोधी सोच समाज में पैर पसार रही है। वह समिति की स्थापना दिवस अवसर पर दिल्ली प्रांत संगठन द्वारा ई-पत्रिका अपाला के विमोचन कार्यक्रम कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं।

इंटरनेट माध्यम से आयोजित स्थापना दिवस कार्यक्रम में सबसे पहले प्रमुख संचालिका शांता अक्का ने शस्त्र व शास्त्र पूजन किया, उसके बाद पहली ई- पत्रिका अपाला का विमोचन किया। शांता अक्का ने विदुषी अपाला के नाम से इस ई-पत्रिका का जिक्र करते हुए कहा कि ऋषि अत्रि की पुत्री अपाला अत्यंत ही मेधावी और विदुषी थी।

उन्होंने कहा कि हिंदू संस्कृति के समक्ष इस समय में बौद्धिक युद्ध चल रहा है। हिंदुत्व विरोधी सोच समाज में पैर पसार रही है। उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि यह पत्रिका बौद्धिक योद्धा की भांति समाज की कुरीतियों को दूर करेगी।

इस बात की पुष्टि के लिए उन्होंने वंदे मातरम पत्रिका का जिक्र करते हुए कहा कि वंदे मातरम पत्रिका जब लंदन में मदन लाल ढींगरा के हाथों में पड़ी तो किस तरह से इस पत्रिका ने उनके जीवन की दिशा को बदल दिया। मदन लाल ढींगरा वहां ऐश्वर्य का जीवन जी रहे थे। देश हित, समाज हित तथा भारत की स्वतंत्रता का विचार भी उनके मन में नहीं था, लेकिन इस एक पत्रिका ने किस तरह से उनकी सोच को बदला और उन्हें एक महान क्रांतिकारी और देशभक्त बना दिया।

अपाला पत्रिका भी अपने विचारों के माध्यम से, लेखन के माध्यम से समाज को जागरूक करें और समाज नकारात्मकता को छोड़कर सकारात्मकता की तरफ बढ़े। ई-पत्रिका के माध्यम से भारतीय चिंतन व जीवनशैली को सही दिशा दी जा सकेगी।

उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा में विजयादशमी के दिन विशेष रूप से शस्त्र और शास्त्र की पूजा जाती है। शास्त्र के रूप में दिल्ली प्रांत ने ई- पत्रिका का प्रारंभ कर श्रेष्ठ कार्य किया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र सेविका समिति की स्थापना भी इसी दिन वर्ष 1936 के दिन हुई थी। आज स्थापना दिन के शुभ अवसर पर इस ई- पत्रिका का शुभारंभ किया जाना बहुत शुभ है। लेखकों की लेखनी को भी शस्त्र माना जाता हैं जिसके माध्यम से वे समाज के वैमनस्य, नकारात्मकता को दूर कर सकते हैं ।

राष्ट्र सेविका समिति दिल्ली प्रांत प्रचार विभाग इस ई-पत्रिका द्वारा संपूर्ण विश्व में श्रेष्ठ चिंतन को जन्म देगा। उन्होंने प्रचार विभाग टोली का अभिनंदन करते हुए कहा कि हमें हिंदुत्व विरोधी विचारों से लड़ना है हमें बौद्धिक योद्धा बनना है। ऐसे लेखन के द्वारा हम नकारात्मक सोच का सामना कर सकते हैं और सकारात्मकता ला सकते हैं तथा समाज में विश्वास का निर्माण कर सकते हैं।

उन्होंने छोटे दीपक का उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे दीपक में बाती स्वयं जलकर चारों और प्रकाश फैलाती है और दीपक निरंतर प्रज्वलित रहते हुए अंधकार और नकारात्मकता का विनाश करता है वैसे ही विश्वास है कि अपाला संपादक मंडली इसी उद्देश्य को लेकर आगे बढ़ेगी और विध्वंसकारी सोच का विनाश करते हुए सकारात्मक सोच का प्रसार करेगी।

ई- पत्रिका अपाला के (विजयादशमी विशेषांक) का यह अंक संदेश दे रहा है कि प्रकाश देने वाले ज्ञान का हम प्रसार जन जन तक करें। विजयादशमी उत्सव और ई- पत्रिका विमोचन कार्यक्रम में क्षेत्रीय व प्रांतीय कार्यकारिणी सहित समिति सेविकाएं उपस्थित रहीं। इस कार्यक्रम का फेसबुक लाइव भी किया गया।

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