डीयू अकादमिक परिषद की बैठक में हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय, जल्द शुरू होंगी नियुक्ति प्रक्रिया

डीयू में स्नातक स्नातकोत्तर पाठयक्रमों में वार्ड कोटा का लाभ शिक्षकों संविदा कर्मचारियों के अलावा तदर्थ शिक्षकों को भी अब मिलेगा। इस बाबत परिषद की बैठक में पेश प्रस्ताव पर मोहर लगी। वार्ड कोटा की सीटें भी बढ़ा दी गई है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 10:08 PM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 10:08 PM (IST)
डीयू अकादमिक परिषद की बैठक में हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय, जल्द शुरू होंगी नियुक्ति प्रक्रिया
कॉलेजों में नियुक्ति प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।

नई दिल्ली, संजीव कुमार मिश्र। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के अकादमिक परिषद की महत्वपूर्ण बैठक शुक्रवार रात सम्पन्न हुई। बैठक में डीयू के विभिन्न विभागों के तहत नए पाठ्यक्रम शुरू करने पर सहमति बनी। विधि स्नातक एवं स्नातकोत्तर छात्रों को केस मेटेरियल मुहैया कराने के एवज में शुल्क वसूलने संबंधी विभाग के निर्णय पर रोक लगा दी गई है। यानी अब छात्रों को केस मेटेरियल के बदले शुल्क नहीं देना पड़ेगा। डीयू कॉलेज में शिक्षकों, कर्मचारियों के बच्चों के दाखिले के लिए बनी वार्ड कोटा की सीटों की संख्या प्रति कॉलेज 3 से बढ़ाकर आठ कर दी गई है। परिषद की बैठक में वार्ड कोटे में तदर्थ शिक्षकों को शामिल करने संबंधी प्रस्ताव भी पास हो गया है।

दो नए विभाग, कई पाठयक्रम होंगे शुरू

अकादमिक परिषद के एक सदस्य ने बताया कि चिकित्सा विज्ञान संकाय ने जीबी पंत इंस्टीटयूट ऑफ पीजी मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च में नए शुरू होने वाले न्यूरो एनेस्थिसिया के पाठयक्रम, दाखिला प्रक्रिया, ट्रेनिंग प्रोग्राम संबंधी प्रस्ताव को पास किया। इसके अलावा मास्टर इन पब्लिक हेल्थ पाठयक्रम, दाखिला प्रक्रिया को भी मंजूरी दे दी गई है। यही नहीं दो नए विभाग खोलने पर भी सहमति बनी है। संगीत एवं ललित कला संकाय में हारमोनियम में दो वर्षीय डिप्लोमा पाठयक्रम, हिंदुस्तानी संगीत में विदेशी छात्रों के लिए एक वर्षीय सर्टिफिकेट पाठयक्रम, दो वर्षीय संगीत शिरोमणि डिप्लोमा शुरू करने का प्रस्ताव भी पास हो गया है।

विधि छात्रों को राहत

विधि संकाय ने स्नातक एवं स्नातकोत्तर छात्रों को ऑनलाइन केस मैटेरियल मुहैया कराने का निर्णय लिया था। हालांकि संकाय ने पाठ्यक्रम सामग्री देने के एवज में विधि स्नातक छात्रों से एक हजार रुपये शुल्क और विधि स्नातकोत्तर छात्रों से 1250 रुपये शुल्क वसूलने की बात कही थी। अकादमिक परिषद की बैठक में बताया गया कि कार्यकारी कुलपति ने शुल्क वसूलने संबंधी फैसले पर रोक लगा दी है। पाठयक्रम छात्रों को निशुल्क दिए जाएंगे।

वार्ड कोटा की सीटें बढ़ी

डीयू में स्नातक, स्नातकोत्तर पाठयक्रमों में वार्ड कोटा का लाभ शिक्षकों, संविदा कर्मचारियों के अलावा तदर्थ शिक्षकों को भी अब मिलेगा। इस बाबत परिषद की बैठक में पेश प्रस्ताव पर मोहर लगी। वार्ड कोटा की सीटें भी बढ़ा दी गई है। अभी तक कॉलेजों में तीन सीटें शिक्षकों के लिए व तीन सीटें कर्मचारी के बच्चों के दाखिले के लिए आरक्षित होती थी, लेकिन अब सीटों की संख्या बढ़ाकर आठ-आठ कर दी गई है।

बैठक में इन मुद्​दों पर भी हुई चर्चा दिल्ली सरकार द्वारा वित्तपोषित डीयू कॉलेजों में बार-बार शिक्षकों का वेतन रोके जाने। कोरोना काल में दाखिला प्रक्रिया पूरी तरह केंद्रीयकृत करने से कॉलेजों को राजस्व विलंब से मिलने की संभावना। विगत ओबीई में हुई गड़बड़ियों पर चर्चा, डीयू ने कहा-अगामी ओबीई में सुधार होगा। तदर्थ महिला शिक्षकों को मातृत्व अवकाश प्रदान करने। कॉलेजों में नियुक्ति प्रक्रिया जल्द शुरू करने। परीक्षाएं नहीं हो रही हैं, लिहाजा छात्रों से परीक्षा शुल्क ना लिए जाएं। दाखिले प्रक्रिया के दौरान ओबीसी छात्रों से सर्टिफिकेट नहीं लिया जाए।

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