कालकाजी मंदिर वाले मार्ग की सर्विस लेन पर खुले सर्विस सेंटर, रेहड़ी पटरी से अतिक्रमण की समस्या

मां आनंदमई मार्ग पर क्राउन प्लाजा से कालकाजी मंदिर आने वाले मार्ग पर बनाई गई सर्विस लेन पर गाडि़यों की सर्विसिंग करने वाले और रेहड़ी पटरी वालों ने कब्जा कर लिया है। ऐसे में सड़क के आसपास की कालोनियों में रहने वाले लोग परेशान हैं।

By Pradeep ChauhanEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 08:45 AM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 08:45 AM (IST)
कालकाजी मंदिर वाले मार्ग की सर्विस लेन पर खुले सर्विस सेंटर, रेहड़ी पटरी से अतिक्रमण की समस्या
रविदास मार्ग पर भी सर्विस लेन में दुकानें और री-सेल गाडि़यां सड़कों पर खड़ी दिखाई देती हैं।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। मां आनंदमई मार्ग पर क्राउन प्लाजा से कालकाजी मंदिर आने वाले मार्ग पर बनाई गई सर्विस लेन पर गाडि़यों की सर्विसिंग करने वाले और रेहड़ी पटरी वालों ने कब्जा कर लिया है। ऐसे में सड़क के आसपास की कालोनियों में रहने वाले लोगों को मुख्य मार्ग का इस्तेमाल करना पड़ता है। कई बार वाहन चालक मुख्य मार्ग पर ही विपरीत दिशा में चलते हुए देखे जाते हैं।

इससे कई बार हादसों का भी खतरा बना रहता है, वहीं रविदास मार्ग पर भी सर्विस लेन में दुकानें और री-सेल गाडि़यां सड़कों पर खड़ी दिखाई देती हैं। गोविंदपुरी के गली नंबर तीन से लेकर सी लाल चौक तक मां आनंदमई मार्ग के दोनों तरफ मुख्य मार्ग से जोड़ते हुए सर्विस लेन बनी हुई है, लेकिन इन सर्विस लेन पर गाडि़यों की रिपेयरिंग, धुलाई और पेंटिंग की दुकानें खुली हुई हैं, जबकि दूसरी तरफ रेहड़ी-पटरी वालों ने अपनी दुकानें सजा रखी हैं।

ऐसे में आसपास की कालोनियों के निवासी मुख्य मार्ग पर ही विपरीत दिशा में वाहन चलाते हुए देखे जाते हैं। यही हाल गुरु रविदास मार्ग पर भी है। यहां गाडि़यों की री-सेल करने वाले दुकानदारों ने आधी सड़़क पर गाडि़यां खड़ी रखी हैं। इससे बसों को मार्ग के बीचो-बीच खड़े होकर सवारियां उतारनी पड़ती हैं और जाम लग जाता है। यह बड़ी संख्या में गाडि़यों की खरीदी बिक्री केंद्र है, जिनकी सैकड़ों गाडि़यां सड़क पर ही खड़ी रहती हैं।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि अतिक्रमण की समस्या काफी समय से बनी हुई है। आरोप है कि निगम में भी शिकायत की गई, लेकिन अतिक्रमण की समस्या को लेकर कोई सुनवाई नहीं हो सकी। निवासी कालीचरण ने बताया कि रात के समय तो चारों तरफ असामामजिक तत्वों का जमावड़ा लग जाता है। ऐसे में महिलाएं भी खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं। लोगों ने बताया कि पुलिस भी गश्त की मांग को लेकर शिकायती पत्र दिया गया, लेकिन जन समस्याओं को अधिकारी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।

chat bot
आपका साथी