AIIMS Sero Survey: कोरोना की दूसरी लहर में युवा और बच्चे बड़ी संख्या में हुए संक्रमित, 5 राज्यों में किया गया सर्वे
देश के पांच अस्पतालों द्वारा किए जा रहे सीरो सर्वे के अंतरिम रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि कोरोना की दूसरी लहर में 18 साल से अधिक उम्र की लोगों की तरह बच्चे भी बड़ी संख्या में संक्रमित हुए।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। दिल्ली एम्स के डाक्टरों के नेतृत्व में देश के पांच अस्पतालों द्वारा किए जा रहे सीरो सर्वे के अंतरिम रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि कोरोना की दूसरी लहर में 18 साल से अधिक उम्र की लोगों की तरह बच्चे भी बड़ी संख्या में संक्रमित हुए। यही वजह है कि दो से 17 साल की उम्र के 55.7 फीसद बच्चों में कोरोना की एंटीबाडी पाई गई। वहीं 18 साल से अधिक उम्र के 63.5 फीसद लोगों में एंटीबाडी मिली। अर्थात 55.7 फीसद बच्चे व 63.5 फीसद व्यस्क आबादी से कोरोना से संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं। इस आधार पर सीरो सर्वे के निष्कर्ष में कहा गया है कि कोरोना से संक्रमित होकर ठीक होने वाले बच्चों व व्यस्कों के आंकड़े में बहुत ज्यादा अंतर नहीं है। कोरोना से हर उम्र के लोग संक्रमित हो रहे हैं। लेकिन सीरो पाजिटिव पाए गए 76.92 फीसद बच्चों में संक्रमण होने पर कोई लक्षण नहीं था। इस अध्ययन के माध्यम से एम्स ने तीसरी लहर आने पर बच्चों के अधिक बीमार होने की आशंका को खारिज कर दिया है।
एम्स के अनुसार पांच राज्यों में 10 हजार लोगों के सैंपल पर यह अध्ययन किया जा रहा है। जिसमें शहरी व ग्रामीण दोनों तरह के क्षेत्र शामिल किए गए हैं। शहरी क्षेत्र के रूप में दिल्ली से सैंपल लिए गए हैं। वही हरियाणा के फरीदाबाद के बल्लभगढ़, ओडिशा के भुवनेश्वर, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर व त्रिपुरा के अगरताला के ग्रामीण इलाके से सैंपल लिए गए हैं।
इस सीरो सर्वे के मध्य में 4509 लोगों के सैंपल की एंटीबाडी जांच कर यह अंतरिम रिपोर्ट तैयार की गई है। इन लोगों के सैंपल 15 मार्च से 10 जून 2021 के बीच सैंपल लिए गए। जिसमें 700 बच्चे शामिल हैं, जिसमें से 390 बच्चों में एंटीबाडी पाई गई। वहीं 18 साल से अधिक उम्र के 3809 लोगों में से 2421 लोगों में एंटीबाडी पाई गई। सर्वे के दौरान लोगों से यह भी पूछा गया था कि क्या उन्हें कभी बीमारी हुई थी और यदि वे संक्रमित हुए थे तो उन्हें किस तरह के लक्षण थे। सीरो पाजिटिव पाए गए 390 बच्चों में से 300 बच्चों को कोई लक्षण नहीं था। सर्वे में यह भी पाया गया कि 10 साल से अधिक उम्र के बच्चे अधिक संक्रमित हुए हैं। क्योंकि वे घरों से बाहर भी निकलते हैं।
दिल्ली में 74.8 फीसद लोगों में मिली एंटीबाडी
राष्ट्रीय राजधानी में दक्षिणी दिल्ली से सैंपल लिए गए थे। दिल्ली में 74.8 फीसद लोगों में एंटीबाडी मिली। इस आधार पर दिल्ली में करीब तीन चौथाई लोग कोरोना से संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं। सीरो सर्वे में 73.9 फीसद बच्चों व 74.8 फीसद व्यस्क लोगों में एंटीबाडी मिली।
गोरखपुर में सबसे ज्यादा संक्रमण
कोरोना के संक्रमण का फैलाव सबसे अधिक गोरखपुर में पाया गया, जहां 90.3 फीसद लोगों में एंटीबाडी पाई गई। इसका कारण यह है कि गोरखपुर में उस वक्त सैंपल लिया गया जब दूसरी लहर चरम पर थी।
आंकड़े
अध्ययन में शामिल व्यस्कों, दो से 17 साल की उम्र के बच्चों और व्यस्कों के सैंपल
जगह कुल सैंपल व्यस्क बच्चे सीरो पाजिटिव
दिल्ली शहरी क्षेत्र पुनर्वासित कालोनी 1001 909 92 74.7
दिल्ली एनसीआर ग्रामीण क्षेत्र 1059 870 189 59.3
भुवनेश्वर ग्रामीण 1001 835 165 52.6
गोरखपुर ग्रामीण 448 340 108 87.9
अगरताला ग्रामीण 1001 855 146 51.9
बच्चों में उम्र के अनुसार सीरो पाजिटिविटी रेट
2-4 साल- 42.4 फीसद 5-9 साल- 43.8 फीसद 10-17 साल- 60.3 फीसद लड़के- 53 फीसद लड़कियां- 58.6 फीसद
दिल्ली के शहरी क्षेत्र में बच्चों व व्यस्कों की संख्या जिनमें पाई गई एंटीबॉडी दो से 17 साल- 73.9 फीसद 18 साल से अधिक- 74.8 कुल- 74.7 फीसद
फरीदाबाद ग्रामीण क्षेत्र में बच्चों व व्यस्कों की संख्या जिनमें पाई गई एंटीबाडी
दो से 17 साल- 61.4 फीसद
18 साल से अधिक- 58.8 फीसद
कुल- 59.3 फीसद
गोरखपुर में बच्चों व व्यस्कों की संख्या जिनमें पाई गई एंटीबाडी
दो से 17 साल- 80.6 फीसद
18 साल से अधिक- 90.3 फीसद
कुल- 87.9 फीसद
अध्ययन में शामिल सभी ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों व व्यस्कों की संख्या जिनमें पाई गई एंटीबाडी
दो से 17 साल- 52.9 फीसद
18 साल से अधिक- 60 फीसद
कुल- 58.8 फीसद