दिल्ली में गीले और सूखे कूड़े को अलग करना होगा अनिवार्य, घरों के कूड़े को भी करना होगा पृथक
पूर्वी निगम करीब चार सालों से स्रोत पर ही कूड़े को अलग-अलग करने की कोशिशों में जुटा है। जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। गीले कूड़े से खाद बनाने के लिए संयंत्र लग रहे हैं। साथ ही सूखे कूड़े के निस्तारण की भी योजना पर काम चल रहा है।
नई दिल्ली [स्वदेश कुमार]। पूर्वी निगम करीब चार सालों से स्रोत पर ही कूड़े को अलग-अलग करने की कोशिशों में जुटा है। जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। गीले कूड़े से खाद बनाने के लिए संयंत्र लग रहे हैं। साथ ही सूखे कूड़े के निस्तारण की भी योजना पर काम चल रहा है। लेकिन अभी तक स्रोत पर ही कूड़े को अलग-अलग करने की व्यवस्था यह सौ फीसद लागू नहीं हो पा रही है। ऐसे में अब निगम इसे अनिवार्य करने जा रहा है। अगले तीन महीने में घरों में भी अलग-अलग कूड़ा रखना जरूरी हो जाएगा। इससे पहले अक्टूबर से बड़े होटलों, मार्केट एसोसिएशनों के लिए कूड़े को अलग-अलग करना आवश्यक होगा। नवंबर में छोटे दुकानदारों को यह व्यवस्था अपने यहां लागू करनी होगी। इसके बाद दिसंबर में घरों के लिए भी यह अनिवार्य हो जाएगा।
स्रोत पर ही कूड़े को पृथक करने के संबंध में पटपड़गंज स्थित मुख्यालय में आरडब्ल्यूए, एनजीओ व अन्य समूहों के लिए जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें बताया गया कि निगम कूड़े को स्रोत पर ही अलग-अलग करने को अनिवार्य बनाने जा रहा है। इसमें लोगों से सहयोग अपेक्षित है।
कार्यशाला के दौरान बड़ी मात्रा में अपशिष्ट उत्सर्जन करने वाले समूहों जैसे होटलों, खाद्य प्रतिष्ठानों, मार्केट एसोसिएशनों और आरडब्ल्यूए से अपील की गई कि गीले व सूखे कूड़े को स्रोत पर ही अलग-अलग किया जाए। निगमायुक्त विकास आनंद ने कहा कि निगम का लक्ष्य जन सहभागिता से पूर्वी दिल्ली को स्वच्छ क्षेत्र बनाना है। पर्यावरण संबंधी समस्याओं के निस्तारण के मामले में पूर्वी निगम को हाल ही में सर्वोच्च स्थान मिला है।
निगम की कोशिश है कि पर्यावरण के ही एक अन्य घटक अपशिष्ट प्रबंधन में भी हम अपने क्षेत्र को सर्वोच्च पायदान पर ले जा सकें। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए हमें लोगों के सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने अपील है कि लोग अपनी आगे की पीढ़ियों के बेहतर भविष्य के लिए अपशिष्ट प्रबंधन के बेहतर उपायों को अपनाएं। गीले कूड़े व सूखे कूड़े को अलग-अलग करने से लैंडफिल साइट पर भी कूड़ा का भार कम होगा और कूड़ा नालियों व सड़कों पर नहीं फैलेगा।
उन्होंने कहा कि अगर क्षेत्र में कूड़े का बेहतर प्रबंधन होगा तो बीमारियों पर होने वाले खर्च में भी कमी आएगी और जीवन स्तर में सुधार होगा। अपर आयुक्त अल्का शर्मा ने कहा कि पूर्वी निगम अपने क्षेत्र को स्वच्छ व हरित क्षेत्र बनाने के सपने को साकार करने के लिए नागरिकों की सहभागिता चाहता है ताकि पूर्वी दिल्ली को कचरामुक्त बनाया जा सके। कूड़ा प्रबंधन से संबंधित मामलों में निगम के सलाहकार प्रदीप खंडेलवाल ने कहा कि पूर्वी नगर निगम आधुनिक तकनीकों की मदद से कूड़े के विकेंद्रीकरण की दिशा में तेजी से काम कर रहा है औऱ वह दिन दूर नहीं होगा जब पूर्वी दिल्ली से निकलने वाला कचरा लैंडफिल साइट पर पहुंचना बंद हो जाएगा।