Journalist Spying Case: दिल्ली में चीनी जासूस का कारनामा जानकर उड़ जाएंगे आपके होश
Journalist Spying Case चीनी महिला किंग शी के व्यक्तित्व को लेकर सबसे बड़ा खुलासा यह किया है कि वह किसी से बातचीत नहीं करती थी। इसी मामले में गिरफ्तार नेपाली नागरिक शेर सिंह भी कभी-कभी उसके घर आता था।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Journalist Spying Case: स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा के बाद जासूसी करने के मामले में गिरफ्तार की गई चीनी महिला किंग शी को लेकर एक और सनसनीखेज खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने खुलासा किया है कि जासूसी में संलिप्त चीनी महिला किंग शी दक्षिण दिल्ली इलाके के वसंत कुंज के गंगा अपार्टमेंट में 22 जून से रह रही थी। उसने जी-10 ब्लॉक में दूसरी मंजिल पर 204 नंबर फ्लैट किराये पर लिया था। हैरानी की बात तो यह है कि जासूसी कर रही चीनी महिला किंग शी को लेकर किसी को कोई संदेह तक नहीं हुआ।
बातचीत नहीं करती थी चीनी जासूस महिला
गंगा अपार्टमेंट के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष एनएस मोर ने चीनी महिला किंग शी के व्यक्तित्व को लेकर सबसे बड़ा खुलासा किया है कि वह किसी से बातचीत नहीं करती थी। वह सुबह नौ बजे के बाद घर से निकल जाती थी। इसके बाद रात में सात से आठ बजे तक वापस आती थी।
सत्यापन के दौरान नहीं हुआ किसी को शक
फ्लैट लेने पर चीनी महिला किंग शी का पुलिस सत्यापन भी करवाया गया था। उसका पासपोर्ट और वीजा भी देखा गया था। इस बाबत एनएस मोर कहते हैं कि कॉलोनी के लोगों को अनुमान भी नहीं था कि चीन के लिए जासूसी कर रही है। दरअसल, किंग शी किसी से घुलती-मिलती नहीं थी। पड़ोस के फ्लैट वाले भी उसे नहीं जानते थे। बहुत से लोगों ने अखबार में उसकी तस्वीर देखकर पहचाना।
आरडब्ल्यूए अध्यक्ष एनएस मोर की मानें तो इसी मामले में गिरफ्तार नेपाली नागरिक शेर सिंह भी कभी-कभी उसके घर आता था। उन्होंने कहा कि अब कॉलोनी में आने वाले किरायेदारों के बारे में आरडब्ल्यूए के स्तर पर भी जांच-पड़ताल की जाएगी।
7 दिन की रिमांड पर राजीव शर्मा
वहीं, रक्षा मामलों से जुड़ी खुफिया जानकारी चीन के साथ साझा करने के आरोपित स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा, नेपाली नागरिक शेर सिंह और चीनी महिला किंग शी को पटियाला हाउस की एक अदालत में पेश किया गया। स्पेशल सेल की गुहार पर अदालत ने आरोपितों को फिर सात दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। स्पेशल सेल की तरफ से अदालत में कहा गया कि आरोपितों से कई दस्तावेज बरामद किए जाने हैं। इनमें खुफिया जानकारी हो सकती है। इसके अलावा इनके पूरे नेटवर्क का भी पता लगाना है। लिहाजा इन्हें फिर से पुलिस को रिमांड पर सौंपा जाए। इस पर अदालत ने तीनों आरोपितों को रिमांड पर पुलिस के हवाले कर दिया।
पत्रकार राजीव शर्मा की इस केस में और क्या-क्या भूमिका है? इस बात की जांच की जा रही है। दरअसल अब तक की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि आरोपी पत्रकार रक्षा और विदेश मामलों की रिपोर्टिंग में विशेषज्ञता रखने वाले लोगों से अक्सर बातचीत करता रहता था, ताकि उनके जरिये भी उसे कुछ भनक मिल जाए, ताकि वह उसका भी इस्तेमाल चाइनीज खुफिया इकाई के लिए कर सके।
यहां पर बता दें कि पिछले सप्ताह ही गिरफ्तार किए गए स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा को चीनी खुफिया एजेंसी को संवेदनशील सूचनाएं देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि सीमा पर भारतीय रक्षा तैयारियों की जानकारी चीन को देने का आरोपी राजीव सबसे ज्यादा इन तीनों के संपर्क में था। राजीव शर्मा ने नेपाली युवक और चीनी महिला के जरिये ज्यादा से ज्यादा सूचनाएं हासिल करने का प्रयास किया। हालांकि इनसे क्या कहकर सूचनाएं हासिल की गईं? क्या इन्हें बदले में रकम भी दी गई? इन तमाम सवालों के जवाब तलाशे जा रहे हैं।
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