Coronavirus News Update: वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी जावेद अख्तर का दिल्ली में निधन

वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी जावेद अख्तर का शुक्रवार को निधन हो गया। वह साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में भर्ती थे। वह 1986 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के आइपीएस थे। अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार संक्रमित होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

By Jp YadavEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 09:07 AM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 09:07 AM (IST)
Coronavirus News Update: वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी जावेद अख्तर का दिल्ली में निधन
Coronavirus News Update: वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी जावेद अख्तर का दिल्ली में निधन

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी जावेद अख्तर का शुक्रवार को निधन हो गया। वह साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में भर्ती थे। वह 1986 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के आइपीएस थे। अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, संक्रमित होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह स्वस्थ हो रहे थे और उनकी कोरोना रिपोर्ट भी नेगेटिव आ गई थी। हालांकि, बाद में उनकी तबीयत खराब होने लगी। इसके चलते उन्हें आइसीयू में भर्ती किया गया, जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। जावेद अख्तर जुलाई सेवानिवृत्त होने वाले थे। फिलहाल वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर होमगार्ड सिविल डिफेंस और फायर सर्विस के महानिदेशक के पद पर तैनात थ।

डॉक्टर यूसी बिस्वाल का निधन

कोरोना संक्रमण के चलते 70 वर्षीय डॉ. यूसी बिस्वाल का बृहस्पतिवार को आरएमएल अस्पताल में निधन हो गया। वह सर्जरी विभाग के प्रोफेसर थे और आरएमएल अस्पताल में इसके विभागाध्यक्ष के रूप में सेवाएं दी थी। थी। उन्होंने वर्ष 2013 में उत्तरी निगम के हिंदूराव मेडिकल कालेज में सर्जरी विभाग में बतौर प्रोफेसर ज्वाइन किया था। वह इसी वर्ष फरवरी में सेवानिवृत्त हो गए थे। बताया जा रहा है कि उन्होंने ¨हदूराव अस्पताल में ही कोवैक्सीन की दोनों डोज ली थीं।

डॉ. एसके भंडारी का निधन

दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल की एमेरिटस सलाहकार डॉक्टर एसके भंडारी का निधन हो गया है। उनका निधन के कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाए हैं। उनके निधन पर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर शोक जाहिर किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा मेरे भाई (राहुल गांधी), मेरी और मेरे बेटे व बेटी की डिलिवरी उन्होंने (डॉक्टर एसके भंडारी) ने ही कराई थी। वह सत्तर के दशक के अंत में खुद ही अपनी गाड़ी चलाकर सुबह-सुबह अस्पताल पहुंच जाती थी। उन्होंने मानवता के प्रत्येक गुण को अंत तक बरकरार रखा। एक महिला जिसे मैं हमेशा सम्मान देती हूं, एक मित्र की तरह उन्हें मैं हमेशा याद रखूंगी।

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