Delhi: ऑनलाइन कक्षाओं में बीते सत्र की कमियों को दूर करने का प्रयास कर रहे स्कूल

शिक्षक शोएब राणा का कहना है कि बीते सत्र में कक्षाओं में ज्यादा छात्र नहीं जुडे थे। उनमें आनलाइन कक्षाओं को लेकर दिलचस्पी देखने को नहीं मिलती थी। लेकिन इस सत्र से छात्रों के लिए कक्षाओं को दिलचस्प बनाने के लिए पाठ्यक्रम से संबंधित विभिन्न गतिविधियां कराई जाएंगी।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 06:15 PM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 06:15 PM (IST)
Delhi: ऑनलाइन कक्षाओं में बीते सत्र की कमियों को दूर करने का प्रयास कर रहे स्कूल
स्वयं सहायता समूह की मदद से छात्रों का तनाव किया जाएगा दूर

नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। दिल्ली में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने के बाद सभी स्कूल बंद हो गए हैं। जिसके चलते शैक्षणिक सत्र 2021-22 में भी छात्रों की कक्षाएं आनलाइन माध्यम से ही चलेंगी। बीते साल आनलाइन कक्षाओं के सहारे पूरा पाठ्यक्रम पूरा करना और परीक्षाएं लेना स्कूलों के लिए जितना चुनौतीपूर्ण था उतना ही छात्रों के लिए भी। अचानक से आनलाइन कक्षाओं के जरिए पढ़ाई करने और कराने को लेकर कोई तैयार नहीं था। स्कूलों ने कोई रणनीति भी नहीं बनाई थी। जिस कारण बीता साल पढ़ाई में छोटी-छोटी कमियों को पूरा करने में ही बीत गया। लेकिन इस शैक्षणिक सत्र में अब स्कूलों के पास आनलाइन कक्षाओं का अनुभव भी है और सफल रणनीति भी। जिसे वो इस सत्र में अपनाएंगे और बीते सत्र की कमियों को दूर करने का प्रयास करेंगे।

हैप्पीनेस इंडेक्स सर्वे की और स्वयं सहायता समूह की मदद से छात्रों का तनाव किया जाएगा दूर

मयूर विहार फेज-3 स्थित एवरग्रीन पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या प्रियंका गुलाटी बताती है कि उन्होंने इस सत्र में आनलाइन कक्षाओं को दिलचस्प बनाने के लिए स्कूल में हैप्पीनेस इंडेक्स सर्वे कराया है। इस सर्वे में छात्रों से पूछा गया है कि आनलाइन कक्षाओं को और आनंदपूर्ण बनाने के लिए इस सत्र में क्या बदलाव करने की जरूरत है। प्रियंका के मुताबिक छात्रों के जवाबों का एक डाटा बनाकर फिर उसे कक्षाओं में लागू भी किया जाएगा।

वहीं, एल्काल ग्रुप आफ स्कूल के निदेशक डा अशोक पांडे के मुताबिक बीते साल अचानक से आनलाइन कक्षाओं के शुरू होने से शिक्षक लेसन प्लान समय पर नहीं बना पाए थे। कक्षाओं को रूचिकर बनाना भी एक चुनौती थी। पर अब चूंकि एक साल का अनुभव है तो स्कूलों ने पहले से ही तैयारी कर ली है। अब शिक्षक कक्षाओं को रूचिकर बनाने के साथ छात्रों की विभिन्न व्यक्तिगत समस्याओं पर भी ध्यान दे रहे हैं। स्कूल में छात्रों के 10-10 छात्रों के स्वयं सहायता समूह बनाए गए हैं ताकि वो एक दूसरे से अपनी परेशानी साझा करे और उसकों हल करने में एक दूसरे की मदद भी करे। इससे उनका चिड़चिड़ापन, तनाव भी दूर होगा और आनलाइन कक्षाओं में मन भी लगेगा।

गतिविधियों को बढ़ाकर पाठ्यक्रम को बनाएंगे दिलचस्प

सुंदर नगरी स्थित जीबीएसएस स्कूल के शिक्षक शोएब राणा का कहना है कि बीते सत्र में कक्षाओं में ज्यादा छात्र नहीं जुडे थे। उनमें आनलाइन कक्षाओं को लेकर दिलचस्पी देखने को नहीं मिलती थी। लेकिन इस सत्र से छात्रों के लिए कक्षाओं को दिलचस्प बनाने के लिए पाठ्यक्रम से संबंधित विभिन्न गतिविधियां कराई जाएंगी। इन गतिविधियों के जरिए जब छात्र पढ़ेंगे तो उन्हें आनलाइन कक्षाओं के जरिए पढ़ाई करने में कोई परेशानी नहीं आएगी।

छात्रों और अभिभावकों से समय-समय पर ली जा रही है राय

पुष्प विहार स्थित बिरला विद्या निकेतन की प्रधानाचार्या मीनाक्षी कुशवाहा बताती हैं कि कोरोना महामारी के चलते छात्रों को एक और साल आनलाइन माध्यम से पढ़ाई करनी पढ़ रही है। ऐसे में छात्रों का पढ़ाई में मन लगा रहे और उनका पाठ्यक्रम भी पूरा हो इसको लेकर छात्रों और उनके अभिभावकों से समय-समय पर राय ली जा रही हैं।

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