Coronavirus Vaccine for Kids: यूपी-बिहार सहित दिल्ली में खुले स्कूल, जानें किन बच्चों को पहले लगेगी वैक्सीन
Covid-19 Vaccine for Kids बच्चों के टीकाकरण का भी लोगों को इंतजार है। इस बीच उम्मीद है कि इस माह बच्चों पर कोवैक्सीन के ट्रायल की प्राथमिक रिपोर्ट आ जाएगी और अक्टूबर के अंत तक यह टीका बच्चों के लिए भी उपलब्ध होगा।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। उत्तर प्रदेश, बिहार सहित कई राज्यों के बाद अब दिल्ली में भी बुधवार से स्कूल खुल रहे हैं। इससे माता-पिता व अभिभावक थोड़े चिंतित भी हैं। बच्चों के टीकाकरण का भी लोगों को इंतजार है। इस बीच उम्मीद है कि इस माह बच्चों पर कोवैक्सीन के ट्रायल की प्राथमिक रिपोर्ट आ जाएगी और अक्टूबर के अंत तक यह टीका बच्चों के लिए भी उपलब्ध होगा।
पहले इन बच्चों को लगेगा टीका
शुरुआती दौर में पुरानी बीमारियों से पीड़ित बच्चों को टीका लग सकता है। डाक्टर कहते हैं कि सभी बच्चों को टीका लगाने की अभी जरूरत नहीं है। एम्स सहित देश के छह अस्पताल में दो से 18 साल की उम्र के 375 बच्चों को कोवैक्सीन की दोनों डोज टीका देने के बाद उसके प्रभाव का आकलन किया जा रहा है। एम्स में कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डा. संजय राय के नेतृत्व में यह ट्रायल चल रहा है। उन्होंने कहा कि इसकी रिपोर्ट सितंबर में ही आने की उम्मीद है। लेकिन, माता-पिता को स्कूल खुलने को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है।
यूपी बिहार में नहीं बढ़े मामले
उत्तर प्रदेश व बिहार में स्कूल खुलने के बाद भी मामले नहीं बढ़े हैं। इसका कारण यह है कि उन राज्यों में काफी लोग पहले संक्रमित हो चुके हैं। इसलिए बच्चे काफी हद तक सुरक्षित हैं। एनटागी (नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप आन इम्यूनाइजेशन) के कोरोना पर गठित कार्य समिति के चेयरमैन डा. नरेंद्र कुमार अरोड़ा ने कहा कि अब तक के आंकड़ों से स्पष्ट हो चुका है कि बच्चों में कोरोना का प्रभाव बहुत ही कम होता है। यदि परिवार में सभी लोगों, स्कूल के शिक्षक सहित सभी कर्मचारियों को टीका लग गया हो तो बच्चों के चारों ओर प्रतिरक्षा का आवरण बन जाता है। जब तक बड़ों का टीकाकरण नहीं हुआ था तब तक ज्यादा चिंता थी।
तेजी से हो रहा टीकाकरण
अब काफी लोगों को टीका लग चुका है और तेजी से टीकाकरण हो रहा है। उन्होंने कहा कि जायकोव-डी टीके को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है। यह टीका जल्दी लगाना शुरू हो जाएगा, जो 12 साल से अधिक उम्र के पुरानी बीमारियों से पीड़ित बच्चों को भी लगेगा। इसके बाद अक्टूबर के अंत तक कोवैक्सीन का टीका भी बच्चों के लिए आ जाएगा। तब दो साल से 18 साल के उन सभी बच्चों को टीका लगाने का काम शुरू हो जाएगा जिन्हें पहले से कोई बीमारी है। क्योंकि पुरानी बीमारियों से पीड़ित बच्चों को संक्रमण होने पर समस्या हो सकती है। फिलहाल हर बच्चे को टीका लगाना प्रमुखता नहीं है। अभी बड़े लोगों को ही टीका लगाना प्रमुखता है।