सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट दखल नहीं देते तो आक्सीजन की कमी से भयावह होती स्थिति- सत्येंद्र जैन

हाई कोर्ट के अंदर उस समय अलग-अलग अस्पताल स्वयं जा रहे थे और ये कह रहे थे कि उनके यहां आक्सीजन खत्म हो गई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली समेत पूरे देश में आक्सीजन की कमी से कई मौतें हुई हैं।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 06:45 AM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 08:10 AM (IST)
सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट दखल नहीं देते तो आक्सीजन की कमी से भयावह होती स्थिति- सत्येंद्र जैन
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बुधवार को प्रेस वार्ता की।

नई दिल्ली [राहुल चौहान]। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बुधवार को प्रेस वार्ता कर कोरोना की दूसरी लहर के दौरान आक्सीजन की कमी से हुई मौतों पर केंद्र के बयान पर दिल्ली सरकार की तरफ से अपना पक्ष रखा। जैन ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट दखल नहीं देते, तो स्थिति बहुत भयावह हो सकती थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के दखल देने के बाद खासतौर से दिल्ली में हजारों लोगों की जान बची।

हाई कोर्ट के अंदर उस समय अलग-अलग अस्पताल स्वयं जा रहे थे और ये कह रहे थे कि उनके यहां आक्सीजन खत्म हो गई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली समेत पूरे देश में आक्सीजन की कमी से कई मौतें हुई हैं। केंद्र सरकार का यह कहना पूरी तरह गलत है कि आक्सीजन संकट से किसी की मौत नहीं हुई है।

स्वास्थ्य मंत्री ने सवाल किया कि अगर आक्सीजन की कमी से कोई मौतें नहीं हुई थी, तो अस्पताल आक्सीजन की कमी के मुद्दे को लेकर हाई कोर्ट क्यों जा रहे थे। उन्होंने केंद्र को नसीहत देते हुए कहा कि केंद्र सरकार उन लोगों के जले पर नमक न छिड़के, जिनके परिवार में आक्सीजन की कमी के कारण मौत हुई है। जैन ने कहा कि जब अप्रैल-मई महीने में कोरोना की दूसरी लहर आई, तब आक्सीजन की बहुत किल्लत हो गई थी।

दिल्ली सरकार ने आक्सीजन की कमी से होनी वाली मौतों का निश्चित आंकड़ा पता करने के लिए एक फैक्ट फाइंडिंग समिति बनाई थी। ताकि जिन लोगों की आक्सीजन की कमी से मौत हुई है, उनके परिवार को पांच लाख रुपये तक का मुआवजा दिया जा सके। इस समिति को केंद्र ने एलजी से भंग करा दिया। कल को केंद्र सरकार यह भी कह सकती है कि कोरोना कभी आया ही नहीं।

सत्येंद्र जैन ने कहा कि केंद्र के जिस कोविन पोर्टल पर कोरोना का डाटा दर्ज किया जाता है, वहां ऐसा कोई कालम नहीं होता, जहां यह लिखा जा सके कि मौत आक्सीजन की कमी की वजह से हुई और न ही केंद्र सरकार ऐसा डाटा राज्य सरकारों से मांगता है। स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि जब तक सभी को कोरोना का टीका नहीं लग जाता, तब तक स्कूलों को खोलना संभव नहीं है।

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