लखनऊ रैली व संसद तक ट्रैक्टर मार्च को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने लिया बड़ा फैसला, सरकार के सामने रखी ये मांगे

Kisan Andolan संयुक्त किसान मोर्चा ने फैसला किया है कि उसके सभी आगामी कार्यक्रम तय समय पर ही होंगे। लखनऊ रैली और संसद तक ट्रैक्टर मार्च का कार्यक्रम स्थगित नहीं किया गया है। किसान संगठनों ने केंद्र सरकार के सामने कई मांगे रख दी हैं।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Sat, 20 Nov 2021 03:24 PM (IST) Updated:Sat, 20 Nov 2021 05:05 PM (IST)
लखनऊ रैली व संसद तक ट्रैक्टर मार्च को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने लिया बड़ा फैसला, सरकार के सामने रखी ये मांगे
केंद्र सरकार को संयुक्त किसान मोर्चा ने दिया झटका, अभी नहीं खत्म होगा कृषि आंदोलन

नई दिल्ली/सोनीपत [संजय निधि]। केंद्र सरकार की तरफ से तीनों विवादित कृषि कानून वापस लिए जाने के बाद दिल्ली के कुंडली बार्डर पर शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा की अहम बैठक हुई। मीटिंग में किसान संगठनों ने फैसला किया है कि आंदोलन अभी खत्म नहीं होगा। मोर्चा के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम जारी रहेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा की नौ सदस्यीय कमेटी ने बैठक में इसका फैसला किया गया।

संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि 26 नवंबर को बार्डर पर भीड़ बढ़ाई जाएगी और 29 नंवबर को संसद कूच किया जाएगा। किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि सभी मांगें पूरी होने के बाद ही आंदोलन समाप्त होगा। आंदोलन की आगामी रणनीति को लेकर रविवार को किसान मोर्चा की बड़ी बैठक होगी।

किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा की शनिवार को अहम बैठक हुई। बैठक में फैसला लिया गया कि हमारे 22, 26 और 29 नवंबर को जो कार्यक्रम होने वाले हैं वो जारी रहेंगे। 22 नवंबर को लखनऊ रैली, 26 को पूरे देश में किसान आंदोलन के एक साल पूरे होने पर जश्न मनाया जाएगा और 29 को संसद भवन तर ट्रैक्टर मार्च होगा।

दर्शनपाल ने कहा कि कृषि कानूनों के अलावा हमारे मुद्दे विशेष रूप से एमएसपी, किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेना, बिजली विधेयक 2020, वायु गुणवत्ता अध्यादेश को वापस लेना और कृषि कानून का विरोध के दौरान जो किसान मरे हैं उनके लिए स्मारक बनाने के लिए स्थान का आवंटिट करना जैसे प्रमुख मुद्दे लंबित है। मोर्चा को उम्मीद है कि सरकार इन मुद्दों को हल करने के लिए बैठक बुलाएगी।

उन्होंने ने कहा कि 22 नंवबर को लखनऊ की रैली को कामयाब करना है। अगर लखीमपुर खीरी में हमारे साथियों को परेशान करने की कोशिश की जाती है तो फिर हम लखीमपुर खीरी इलाके में आंदोलन चलाएंगे।

उधर, सिंघू बॉर्डर पर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सरकार ने तीनों कृषि क़ानूनों को वापस लेने के लिए बोला है तो वो इसको कब तक वापस लेंगे इसके बारे में कुछ ठोस नहीं है। MSP पर अभी कोई ठोस बात नहीं हुई है और जो मामले किसानों पर दर्ज़ हुए हैं उनको भी वापस लेना चाहिए।

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