सिविल डिफेंस वालंटियर्स की नियुक्ति के साथ सैनिटाइजेशन शुरू, 15 कंटेनमेंट जोन में प्रशासन ने बढ़ाई सतर्कता

ओमिक्रोन वैरिएंट के बढ़े खतरे के बीच कंटेनमेंट जोन में प्रशासन ने एक बार फिर सतर्कता बढ़ा दी है। कंटेनमेंट जोन के बाहर सिविल डिफेंस वालंटियर्स की नियुक्ति के साथ-साथ प्रत्येक तीन दिन के अंतराल पर सैनिटाइजेशन व कूड़ा उठाने का कार्य भी सुनिश्चित किया जा रहा है।

By Pradeep ChauhanEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 02:38 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 02:45 PM (IST)
सिविल डिफेंस वालंटियर्स की नियुक्ति के साथ सैनिटाइजेशन शुरू, 15 कंटेनमेंट जोन में प्रशासन ने बढ़ाई सतर्कता
कोरोना संक्रमण के खतरे को मद्देनजर रखते हुए स्वास्थ्य विभाग कंटेनमेंट जोन बना रहा है।

नई दिल्ली,जागरण संवाददाता। ओमिक्रोन वैरिएंट के बढ़े खतरे के बीच कंटेनमेंट जोन में प्रशासन ने एक बार फिर सतर्कता बढ़ा दी है। कंटेनमेंट जोन के बाहर सिविल डिफेंस वालंटियर्स की नियुक्ति के साथ-साथ प्रत्येक तीन दिन के अंतराल पर सैनिटाइजेशन व कूड़ा उठाने का कार्य भी सुनिश्चित किया जा रहा है। गौर करने वाली बात यह है कि दक्षिण-पश्चिमी जिले में फिलहाल 15 कंटेनमेंट जोन हैं, जिसमें से 10 कंटेनमेंट जोन केवल द्वारका में है।

इस लिहाज से द्वारका में कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक नजर आता है। पर उस अनुरूप द्वारका के बाजारों में सतर्कता नजर नहीं आती है। प्रशासन की तरफ से भी इस दिशा में अब तक कोई सख्त कदम नहीं उठाएं जा रहे हैं। पर जिन सोसाइटियों में कंटेनमेंट जोन बने हैं, वहां सोसाइटी के आरडब्ल्यूए पदाधिकारी काफी एहतियात बरत रहे हैं। कोरोना संक्रमण के खतरे को मद्देनजर रखते हुए स्वास्थ्य विभाग दो मामले सामने आने पर भी कंटेनमेंट जोन बना रहा है।

द्वारका सेक्टर-10 स्थित नोवा अपार्टमेंट के आरडब्ल्यूए पदाधिकारी अनिल महेशवरी ने बताया कि कंटेनमेंट जोन के बाहर 24 घंटे तीन शिफ्ट में सिविल डिफेंस वालंटियर्स मौजूद रहते हैं और तीन दिन के अंतराल पर निगम द्वारा संक्रमित परिवार का कूड़ा भी उठाया जा रहा है। जहां तक सैनिटाइजेशन की बात है वह आरडब्ल्यूए की तरफ से हो रहा है। संक्रमित परिवार अब ठीक हो रहा है और वे भी अपने स्तर पर पूर्ण सावधानी बरत रहे हैं। वहीं द्वारका सेक्टर-17 स्थित केशव कुंज अपार्टमेंट के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष दलेल सिंह ने बताया कि प्रशासन व निगम का पूर्ण सहयोग मिल रहा है। सोसाइटी के वाट्सएप ग्रुप को बताया दिया गया था कि सोसाइटी में कुछ लोग संक्रमित पाए गए हैं, ऐसे में सभी लोग सतर्क है और जरूरी कोविड प्रोटोकाल का पालन सुनिश्चित कर रहे हैं।

द्वारका में 60 वर्ष से अधिक उम्र वालों की संख्या ज्यादा: कोरोना संक्रमण की पहली व दूसरी लहर के दौरान भी द्वारका में काफी मामले सामने आए थे। अगर द्वारका की आबादी पर गौर करें तो यहां 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की संख्या अधिक है, ऐसे में उनके लिए खतरा अधिक है। हालांकि, मौजूदा समय में सभी सक्रिय कोरोना संक्रमितों में हल्के लक्षण ही देखने को मिल रहे हैं, पर प्रशासन बार-बार लोगों से कोविड प्रोटोकाल का पालन करने पर जोर दे रहा है। वहीं, प्रदूषण के बीच ओमिक्रोन वैरिएंट के बढ़े खतरे ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता को एक बार फिर बढ़ा दिया है। विशेषज्ञों की माने तो प्रदूषण में मौजूद छोटे कण वायरस ट्रांसमिशन का प्रमुख स्रोत हैं और ये छोटे कण सीधे फेफड़ों को गहराई में जाकर प्रभावित करते हैं।

ऐसे में उचित मास्क का चयन बहुत जरूरी है। पर अफसोस की बात यह है कि अधिकांश लोग खानापूर्ति के लिए मास्क लगा रहे हैं, ताकि वे प्रशासन के चालान से बच सकें, जबकि कुछ तो बिना मास्क के नजर आते है। मनीपाल अस्पताल में मेडिसिन विभाग की प्रमुख डा. चारू गोयल बताती हैं कि अब तक की रिसर्च के मुताबिक कोरोना का नया वैरिएंट एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में काफी आसानी से फैल रहा है। हालांकि, अभी दिल्ली में नए वैरिएंट का एक भी मामला सामने नहीं आया है, पर यदि नए वैरिएंट के मामले सामने आते हैं तो प्रदूषण संक्रमण दर बढ़ाने का प्रमुख माध्यम साबित हो सकता है।

इसलिए कोशिश करें कि ए-95 मास्क का प्रयोग करें। ये मास्क अब बाजार में आसानी से उपलब्ध है। यह मास्क प्रदूषण में मौजूद छोटे-छोटे कण को भी फिल्टर करने में सक्षम है। इसके अलावा बाजार में कई तरह के अन्य फिल्टर व छह लेयर वाले मास्क उपलब्ध है। पर हर कोई इन मास्क को नहीं खरीद सकता। कपड़े का दो लेयर मास्क भी काफी प्रभावी है, बशर्ते कोविड प्रोटोकाल का ईमानदारी से पालन हो। इसके अलावा जब प्रदूषण स्तर चरम पर हो बाहर जाने से बचें।

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